पटना। उज्ज्वला योजना के तहत सरकार द्वारा तय समय से पहले ही लक्ष्य की प्राप्ति किए जाने को सरकार की प्रतिबद्धता का सबसे बड़ा सबूत बताते हुए प्रदेश भाजपा प्रवक्ता सह पूर्व विधायक श्री राजीव रंजन ने कहा कि देश की महिलाओं को रसोई के धुंए से मुक्ति दिलाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा संचालित उज्ज्वला योजना के तहत 5 करोड़ महिलाओं को निःशुल्क गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य समय से 8 महीने पहले प्राप्त कर केंद्र सरकार ने फिर से साबित कर दिया है कि गरीब तथा पिछड़ों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए वह किस कदर प्रतिबद्ध है। इस योजना के तहत लक्ष्य प्राप्ति की समय सीमा मार्च 2019 थी, लेकिन सरकार ने चंद दिनों पहले ही इसे प्राप्त कर लिया।
उन्होंने बताया कि बिहार के गरीबों और पिछड़ों को भी योजना का पूरा लाभ मिला है। इस योजना के तहत बंटे 5 करोड़ गैस कनेक्शनों में से अकेले 61 लाख कनेक्शन बिहार में वितरित हुए हैं। सभी गांवों में बिजली पंहुचाने के बाद यह लगातार दूसरी योजना है, जिसका लक्ष्य सरकार ने तय समय से पहले हासिल कर लिया है।
श्री रंजन ने आगे कहा कि सबका साथ सबका विकास के मूलमंत्र पर काम करने वाली केंद्र सरकार ने अभी तक के अपने शासनकाल में महिलाओं के हित के लिए जो कार्य किए, वैसा आज तक किसी सरकार ने नहीं किया है। केंद्र ने महिलाओं के आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक विकास से लेकर महिलाओं की घरेलू परेशानियों तक का ख्याल रखा है।
उन्होंने कहा कि आज के पहले कोई महिला यह सोच भी नही सकती थी कि कभी कोई सरकार आएगी, जो उन्हें चूल्हे के धुंए से मुक्ति दिलाएगी। लेकिन मौजूदा सरकार ने उनकी इस परेशानी को ध्यान में रखते हुए उज्ज्वला योजना की शुरुआत की और सामाजिक न्याय के इस अनदेखे पक्ष का समाधान कर दिया।
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उज्ज्वला योजना न सिर्फ गरीब परिवार की महिलाओं की सेहत और पैसे को बचाती है, बल्कि उनके सम्मान का प्रतीक भी है। इस योजना की लोकप्रियता को देखते हुए केंद्र ने इस वर्ष इस योजना का लक्ष्य 5 करोड़ से बढ़ा कर 8 करोड़ कर दिया है। आज इस योजना की गूंज पूरी दुनिया में सुनाई दे रही है। अभी हाल में ही प्रकाशित विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट इस बात की तस्दीक भी करती है। इनके अलावा चाहे शौचालयों का निर्माण हो या तीन तलाक का मुद्दा, केंद्र सरकार महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए जरूरी उन सभी सामाजिक पहलुओं पर ध्यान दे रही है, जिन पर विपक्षी सरकारों ने कभी ध्यान तक नही दिया।
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