रांची। कोरोना हब बने हिंदपीढ़ी में सीएम हेमंत सोरेन ने खुद राशन बांटा। उन्होंने 8 हजार घरों के लिए खाद्यान्न वितरण का काम शुरू शुक्रवार को शुरू कराया। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति, परिवार और घर को भोजन सुनिश्चित कराना उनकी प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री हेमंत ने लोगों से जांच प्रक्रिया में सहयोग व निर्देशों का पालन कने की अपील की।
कोरोना संक्रमण के सर्वाधिक मामलों के उजागर होने के बाद हिंदपीढ़ी पूरी तरह से लॉक डाउन है। लोगों का घरों से निकलना बंद है। ऐसे में किसी व्यक्ति, परिवार को खाद्यान्न की कमी न हो, इस बात को ध्यान में रख कर हिंदपीढ़ी के करीब 8 हजार घरों के लिए आकस्मिक राहत खाद्यान्न सामग्री वितरण की व्यवस्था की गई है। ऐसी ही व्यवस्था बोकारो के कोरोना प्रभावित साड़म व अन्य क्षेत्रों के लिए भी शुरू हुई है।
उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे कोरोना संक्रमण से बचने के लिए घर पर ही रहें और निर्देशों का पालन करें। सरकार विशेष रूप से खाद्यान्न का वितरण करेगी। ये बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राशन वितरण की शुरुआत के मौके पर कही। मुख्यमंत्री गुरुनानक स्कूल परिसर से आकस्मिक राहत के तहत खाद्यान्न लदे वाहनों को कोरोना हब बने हिंदपीढ़ी के लिए रवाना करने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच प्रक्रिया में लोग सहयोग करें, ताकि क्षेत्र में राहत दी जा सके।
हर तरह से लोगों को राहत पहुंचाने की कोशिश
मुख्यमंत्री ने कहा कि सामुदायिक किचन, दीदी किचन, विशेष खाद्यान्न वितरण, स्वयंसेवी संस्थाओं व अन्य माध्यमों से जरूरतमंदों को भोजन एवं खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रवासी मजदूरों को डीबीटी के माध्यम से राशि प्रदान की जा रही है। दूध के पाउडर का वितरण भी जल्द प्रारंभ होगा। लोगों का सहयोग मिल रहा है। जिला प्रशासन की ओर से 10 लाख का चेक मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए दिया गया। पारले जी बिस्किट की ओर से दो लाख बिस्किट के पैकेट और लाइफबॉय साबुन की ओर से 10 हजार साबुन प्राप्त हुए हैं। हमें मिलकर कोरोना के विरुद्ध संघर्ष करना है। उन्होंने कहा कि सिख समुदाय को धन्यवाद, जिन्होंने गुरुनानक स्कूल परिसर को कंट्रोल रूप में बदलने की अनुमति दी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने गुरुनानक स्कूल में स्थापित कंट्रोल रूम व वितरण के लिए पैक किये जा रहे खाद्यान्न सामग्रियों का निरीक्षण भी किया। आकस्मिक राहत खाद्यान्न सामग्री में 15 दिनों का चावल, दाल, आलू, प्याज, सरसों का तेल, चायपत्ती, चीनी, साबुन, नमक व अन्य सामग्रियां शामिल हैं।
मोबाइल ऐप” से प्रवासी मजदूरों का बन रहा डाटाबेस
राज्य सरकार द्वारा राज्य के बाहर अन्य राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में फंसे झारखंडवासियों के लिए हर संभव सहायता उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है। इसी के क्रम में मुख्यमंत्री द्वारा “मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना मोबाइल ऐप” की शुरुआत की गई है। इस ऐप से प्रवासी मजदूरों का डाटाबेस तैयार करने में मदद मिलेगी। श्रम विभाग से प्राप्त आंकड़ो के अनुसार अब तक 12,257 जगहों पर 5,97,187 प्रवासी मजदूरों के फंसे होने की जानकारी प्राप्त हुई है। अब तक सरकार द्वारा 10,153 जगहों पर फंसे 4,47,261 मजदूरों के खाने एवं रहने की व्यवस्था की गयी है। सभी लोगों के संबंध में पूरी जानकारी जुटाई जा रही है, ताकि उन तक हर स्तर से मदद पहुंचाई जा सके।
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