कोलकाता। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कोरोना के टीकाकरण का काम खत्म होते ही बंगाल सहित देश में सीएए लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। आज बंगाल के ठाकुरनगर में मंच से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जैसे ही यह ऐलान किया, चारों ओर जय श्रीराम के नारे लगने लगे। दरअसल यह बंगाल में मतुआ समाज के लोगों का इलाका है, जो लंबे समय से इसकी मांग कर रहे हैं।
स्थानीय मतुआ समाज की यह मांग काफी दिनों से रही है। इसी वादे पर 2019 के लोकसभा चुनाव में मतुआ समाज के लोगों ने बीजेपी के उम्मीदवार को भारी मतों से जिताया था। उसके बाद मामला शांत पड़ते ही मतुआ समाज से ही चुने गये बीजेपी सांसद को अपने समाज के लोगों की उलाहना झेलनी पड़ रही थी। इस वजह से वह बीजेपी में नाराज चल रहे थे। अमित शाह की घोषणा से समाज के लोग काफी उत्साहित हैं।
अमित शाह ने वाम मोर्चा, तृणमूल व कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इन तीनों पार्टियों ने मिलकर लोगों को डराना शुरू कर दिया है। तीनों दल यह कह रहे हैं कि भाजपा के आने से सीएए लागू होगा। सबकी नागरिकता चली जाएगी। उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि सीएए का विरोध करने वाली ममता बनर्जी अप्रैल के बाद सत्ता में नहीं रहेंगी। आप लोग निश्चिंत रहें, किसी की भी नागरिकता नहीं जाएगी। यहां तक की मुसलमान भी सुरक्षित हैं।
उन्होंने मतुआ समाज के लिए कहा कि वे 70 साल से नागरिकता के लिए जूझ रहे हैं। 2019 में मतुआ समाज के लोगों ने भाजपा की झोली भर दी। 2020 में भाजपा ने सीएए की घोषणा की। उन्होंने स्थानीय लोगों से वादा किया कि भाजपा सत्ता में आते ही ठाकुर नगर रेलवे स्टेशन का नाम श्रीधाम रेलवे स्टेशन कर देगी। उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि बंगाल में वाम मोर्चा के समय से मतुआ समाज पर अत्याचार हो रहा है। ममता बनर्जी ने इस अत्याचार पर रोक लगाने की कोशिश नहीं की। भाजपा जरूर इस अत्याचार को बंद करेगी। मतुआ लोगों को उनका सम्मान वापस मिलेगा।
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