झारखंडः स्टेन स्वामी सहित 20 पर देशद्रोह का मुकदमा

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• विशद कुमार

रांची। झारखंड का खूंटी जिला सुर्खियों में तब आया, जब स्थानीय अखबारों में खबर आई कि पिछले 25 अगस्त 2017 को खूंटी थाना क्षेत्र के कांकी सिलादोन गांव के लोगों ने खूंटी के डीएसपी रणवीर कुमार सहित पुलिस टीम को बंधक बना
लिया है। ग्रामीणों और पुलिस के बीच हल्की झड़प भी खबर आई थी। पुलिस को फायरिंग भी करनी पड़ी थी। करीब 24 घंटे के बाद बंधक बने पुलिसकर्मियों को मुक्त कराया जा सका था।

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दूसरी बार 21 फरवरी 2018 को खूंटी जिला सुर्खियों में तब आया, जब ग्रामीणों ने जिले के कुरूंगा गांव से कुछ दूर आगे 25 पुलिसकर्मियों की टीम को घेर लिया और 4 घंटे तक बंधक बनाए रखा, क्योंकि पत्थलगड़ी को लेकर कुरूंगा गांव के ग्राम प्रधान सागर मुंडा को पुलिस गिरफ्तार कर अड़की थाना ले जा रही थी। सागर मुंडा पर पिछले साल 25 अगस्त 2017 को पुलिस को बंधक बनाने का आरोप था। इनके खिलाफ मामला भी दर्ज था। ग्राम प्रधान को हिरासत में लिये जाने की सूचना मिलने के बाद ग्रामीण गोलबंद हो गये और पुलिस कर्मियों को तब तक नहीं छोड़ा, जब तक खूंटी जिले के जिला मुख्यालय से एसपी व डीसी ने पहुंच कर ग्राम प्रधान सागर मुंडा को छोड़ने का आदेश नहीं दिया।

इसके बाद सरकार की ओर से पत्थलगड़ी को लेकर कई बयान आये। सूबे के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पत्थलगड़ी को लेकर काफी आक्रामक दिखे। वे दुहराते रहे कि पत्थलगड़ी राष्ट्रद्रोही शक्तियों के इशारे पर हो रहा है, जो गैरसंवैधानिक है। पत्थलगड़ी समर्थक बार-बार कहते रहे कि पत्थलगड़ी आदिवासियों की रूढ़ी प्रथा के तहत ग्रामसभा के रूप में भारतीय
संविधान में भी शामिल है।

इसी सफाई और आरोप के बीच 26 जुलाई 2018 को खूंटी थाना के इंस्पेक्टर राजेश प्रसाद रजक ने रांची के कई पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और एनजीओं के कई लोगों पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज किया, जिसकी जानकारी
अखबारों के माध्यम से लोगों को हुई। इस पर आलोका कुजूर कहती हैं कि हमलोग कभी खूंटी गए ही नहीं और हम पर मुकदमा दर्ज हो गया, जिसकी जानकारी हमें अखबारों के माध्यम से मिली।

बता दें कि एफआईआर में सामाजिक कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी, कांग्रेस के पूर्व विधायक थियोडोर किड़ो सहित पत्रकारों व एनजीओ के कई लोगों में वाल़्टर कंडुलना, थामस रूंडा, बोलेस बबीता कच़्छप, बिरसा नाग, सुकुमार
सोरेन, घनश्याम बिरुली, धर्मकिशोर कुल्लू, मुक़्ति तिर्की, अजल कंडुलना, विकास कोड़ा, विनोद कुमार, आलोका कुजूर, विनोद केरकेट़टा, सुमित केरकेट़टा, ए बिरुआ, राकेश रोशन किड़ो, सामु टुडू आदि के नाम शामिल हैं।

मामला खूंटी इलाके में पत्थलगड़ी किये जाने से संबंधित है। फादर स्टेन स्वामी व अन्य पर एफआईआर में पुलिस ने आरोप लगाया है कि वे लोगों को धोखे में रख कर देश की एकता व अखंडता को तोड़ने में लगे हुए हैं। साथ ही इन लोगों पर सोशल मीडिया का सहारा लेकर लोगों को जबरन देशविरोधी गतिविधियों में शामिल करने सहित सांप्रदायिक और जातीय माहौल खराब करने, कानून व्यवस्था में व्यवधान पहुंचाने का आरोप भी पुलिस ने लगाया है। इन सभी पर आईपीसी की धारा 121 (देश के विरुदध युदध करना या उसके लिए उकसाना) आईपीसी की धारा 121 ए (देश के विरुदध युदध की साजिश करना) आईपीसी की धारा 124 ए (देश के खिलाफ बोल कर या लिख कर विद्रोह करना) लगाई गयी है।

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