झारखंड में खनन राजस्व साढ़े चार साल में 15.70% बढ़ा

0
120
झारखंड मंत्रालय में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने उद्योग और खान एवं भूतत्व विभाग के कार्य प्रगति की समीक्षा की
झारखंड मंत्रालय में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने उद्योग और खान एवं भूतत्व विभाग के कार्य प्रगति की समीक्षा की

रांची। झारखंड में खनन राजस्व 2014-15 की तुलना में साढ़े चार साल में 15.70% बढ़ा है। बरही होगा अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का नोडल प्वाइंट। दुमका में बैम्बू आर्टिजन कॉन्क्लेव 2019 का आयोजन होगा। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि और वन उत्पाद आधारित छोटे-छोटे ग्रामीण उद्योग लगाने का निर्देश दिया है, ताकि गांवों में रोजगार सृजन हो और लोगों का आर्थिक विकास हो। बांस हस्तशिल्प, मधुमक्खी पालन और शहद उत्पादन, फल-सब्जी, कृषि आधारित उत्पादन, माटी कला पर आधारित उद्योग और तसर आधारित हस्तशिल्प के संगठित उद्योग को बढ़ावा देने का निर्देश मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में झारखंड देश के पहले चार राज्यों में है। फीडबैक रैंकिंग पर पांचवें स्थान पर है। झारखंड में सिंगल विंडो सिस्टम विकसित किया गया, जो सिंगल विंडो क्लीयरेंस अधिनियम 2015 के तहत कानूनन आधार पर निवेश प्रस्तावों और व्यापार करने वालों को सरकार की ओर से अधिक से अधिक सुविधा प्रदान कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बिरसा मुंडा अंतर्राष्ट्रीय विमान पत्तन रांची में एयर कार्गो कंपलेक्स में बनाया गया है।

- Advertisement -

यह भी पढ़ेंः अवैध शराब का धंधा करने वालों को सलाखों के पीछे भेजेंः रघुवर

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि हजारीबाग के बरही में इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर के तहत अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का नोडल प्वाइंट बनेगा। आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में 185 करोड़ की लागत से इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर की स्थापना होगी। दुमका के सरैयाहाट में स्टोन क्लस्टर एवं एग्रीकल्चर इंप्लीमेंट क्लस्टर बनाया जाएगा।

यह भी पढ़ेंः ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में झारखंड को नंबर-1 बनाना लक्ष्यः सीएम

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि पिछले साढ़े चार साल में 546 नई औद्योगिक इकाइयां ज़मीन पर उतरीं। इनमें 70961.96 करोड़ का निवेश हो रहा है तथा इनमें 1,30,000 से अधिक को रोजगार मिलेगा। इनमें से 120 इकाइयों में कार्य भी आरंभ हो चुका है तथा 144 इकाई का बहुत जल्द काम शुरू होगा। खाद्य प्रसंस्करण की 99 इकाइयां जमीन पर उतरी हैं। कार्य हो रहा है। अगले 4 महीने में उत्पादन शुरू हो जाएगा। झारखंड में गारमेंट्स इंडस्ट्रीज ने भी बड़ी संख्या में रुचि दिखाई है। 6 गारमेंट्स मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में कार्य शुरू हो चुका है, जिनमें 9000 से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। 36 इकाइयों में कार्य जारी है। जल्द ही, यहाँ भी उत्पादन शुरू होगा। देवघर में प्लास्टिक पार्क और धनबाद जिले के निरसा प्रखंड में लेदर एवं फुटवीयर पार्क की आधारभूत संरचना का निर्माण बहुत जल्द होगा।

यह भी पढ़ेंः झारखंड में ग्रामीण सड़कों पर 4 हजार करोड़ खर्च होंगे

खनन विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि खनन कार्य के लिए आवेदन करने वालों को आवेदन करने के बाद समयबद्ध तरीके से उसका निष्पादन करें। पर्यावरण क्लीयरेंस भी पारदर्शी तरीके से और समयबद्ध हो। हमारी नीतियों और सचेष्टता से राजस्व में 2014-15 की तुलना में साढ़े चार साल में 15.70% की वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन खनन ब्लॉक का आवंटन किया गया है, उनमें हो रहे कार्यों की प्रत्येक माह समीक्षा की जानी चाहिए।

यह भी पढ़ेंः झारखंड में किसानों की समृद्धि के लिए खर्च होंगे 5 हजार करोड़

बैठक में अपर मुख्य सचिव सह विकास आयुक्त सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. सुनील कुमार वर्णवाल, उद्योग सचिव के रवि कुमार, खान एवं भूतत्व सचिव अबुबकर सिद्दीक सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

मजदूरों की समस्या और उनके समाधान के लिए टोल फ्री नंबर जारी करें

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राज्य में बड़ी संख्या में असंगठित मजदूर कार्यरत हैं। सरकार उनके लिए कई योजनाएं भी चला रही हैं। लेकिन उन्हें इनकी जानकारी नहीं है। उनका रजिस्ट्रेशन नहीं होने के कारण वे इनका लाभ भी नहीं ले पा रहे हैं। उनके जीवन में होनेवाली कठिनाइयों के लिए उनके पास कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। अधिकारी सेवा भावना को अपना जुनून बनाएं। सरकार व विभाग ही उनकी आवाज है। उन्हें योजनाओं का लाभ दिलाकर उनके जीवन में व्यापक बदलाव लाया जा सकता है। राज्य के सभी मजदूरों को इससे जोड़ें। राज्य से पलायन रुकेगा। उनके परिजन दुआ देंगे।

यह भी पढ़ेंः झारखंड में किसानों की समृद्धि के लिए खर्च होंगे 5 हजार करोड़

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार उन्हें बीमा, चिकित्सा सुविधा, छात्रवृत्ति लाभ, अंत्येष्ठि सहायता समेत कई लाभ उपलब्ध करा रही है। निर्माण क्षेत्र से जुड़े मजदूरों को औजार, साइकिल, सेफ्टी किट आदि की सुविधा दे रही है। मिशन मोड में इन सभी का रजिस्ट्रेशन करायें। शहरी क्षेत्रों में रोजाना काम पर आनेवाले मजदूरों का ऑन स्पॉट रजिस्ट्रेशन करायें। इनमें से किसी एक-दो को ग्रुप लीडर बना दें। उन्हें बाकी लोगों के रजिस्ट्रेशन के लिए फार्म दे दें। नये रजिशट्रेशन कराने की एवज उन्हें मानदेय दें। इससे बड़ी संख्या में मजदूर जुड़ सकेंगे। इसके लिए विशेष अभियान शुरू करें। उन्हें रजिस्ट्रेशन के लाभ बतायें। पथ व भवन निर्माण विभाग से भी कार्य की सूची लेकर उन स्थलों पर कैंप लगायें। शहर आकर काम करनेवाले मजदूरों के लिए बस सेवा शुरू करें। विभिन्न क्षेत्रों में श्रमिक शेड का निर्माण करें।

यह भी पढ़ेंः झारखंड में सितंबर में रन फॉर पोषण का आयोजन होगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यभर से रिक्शा, ठेले-खोमचेवाले, सब्जी दुकानदारों आदि को सितंबर में रांची बुलायें। हर जिले से 10-10 लोगों को बुलायें। मुख्यमंत्री आवास में कार्यक्रम का आयोजन कर इन्हें सरकार द्वारा चलायी जा रही इनके लाभ वाली योजनाओं की जानकारी दी जायेगी। साथ ही, उन सभी का रजिस्ट्रेशन् भी किया जायेगा। इन सभी को अपने अपने क्षेत्र में कार्यरत लोगों के रजिस्ट्रेशन का जिम्मा दिया जायेगा। इससे बड़ी संख्या में असंगठित मजदूरों को सरकारी योजनाओं के लाभ से जोड़ा जा सकेगा। उन्होंने मजदूरों की समस्या व समाधान के लिए एक प्रभावशाली टॉल फ्री नंबर चालू करने का निर्देश दिया।

यह भी पढ़ेंः झारखंड में अगले 4 महीनों में चलेगी विकास की आंधीः सीएम

मुख्यमंत्री ने कहा कि मजदूरों के लिए पेंशन की राशि प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के तहत् 3000 रुपये होगी। पहले 500 रुपये थी जिसे हमने बढ़ा कर 1000 रुपये किया था। मजूदरों की दुर्घटना में मृत्यु होने पर पांच लाख रुपये व सामान्य मृत्यु में एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है, लेकिन मजदूरों को इसकी जानकारी नहीं है। उन्हें इसके लिए जागरुक करें। सभी मजदूरों को आयुष्मान भारत से जोड़ा जायेगा। उनके गोल्डन कार्ड का खर्च भी सरकार वहन करेगी। 25 सितंबर के पहले सभी को गोल्डन कार्ड मिल जाये, इसे विभाग सुनिश्चित करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न श्रम मेले से रोजगार के लिए चयनित होनेवालों की सुविधा पर भी विभाग ध्यान रखे। नियोक्ता ने जो वादा किया है उस अनुसार मासिक तनख्वाह, कार्य स्थल, सुरक्षा, पीएफ आदि दे रहा है या नहीं, इसपर नजर रखें।

यह भी पढ़ेंः झारखंड की बड़ी उपलब्धिः राज्य का वन घनत्व और क्षेत्रफल बढ़ा

- Advertisement -