पटना। बिहार के क्वरंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों को दो माह में 17.53 लाख कंडोम बांटे गये। अप्रैल में 2.14 लाख तो मई में 15.39 लाख कंडोम बांटे गये। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार में बढ़ती जनसंख्या से चिंतित राज्य सरकार ने क्वरंटाइन सेंटरों में रहने वालों को केवल स्वास्थ्य, योग आदि का प्रशिक्षण और उनकी स्कील मैपिंग ही नहीं की, बल्कि वहां से जाते वक्त उन्हें परिवार नियोजन से संबंधित जानकारियां व गर्भ निरोधक सामग्रियां भी दी गईं। अप्रैल में जहां 2.14 लाख तो मई में जब क्वरंटाइन सेंटर में बाहर से आने वालों की संख्या बढ़ी तो 15.39 लाख कंडोम का वितरण किया गया।
श्री मोदी ने कहा कि प्रत्येक दशक के दौरान बिहार की जनसंख्या में 25 फीसदी की वृद्धि हो रही है, वैसे लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा, बाल विवाह निषेद्य व अन्य निरोधात्मक उपायों को अपना कर पिछले एक दशक में प्रजनन दर को 4.3 से घटा कर 3.2 पर लाने में सफलता मिली है।
बिहार के क्वारंटाइन सेंटर के अलावा जनसंख्या स्थीरीकरण के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए फ्रंट लाइन आशा कार्यकर्ताओं और एनएनएम द्वारा कोरोना संक्रमण का घर-घर सर्वें के दौरान भी परिवार नियोजन के प्रति सजग किया गया। 14 दिन की क्वरंटाइन अवधि पूरी कर घर जाने वालों को परिवार नियोजन के बारे में सजग किया गया तथा जिन्हें जरूरत थी, उन्हें दो-दो पैकेट कंडोम उपलब्ध कराए गए। योग्य दम्पतियों को उनकी इच्छानुसार इस दौरान करीब 11 लाख दैनिक व आपातकालीन गर्भ निरोधक गोलियों का भी वितरण किया गया।
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श्री मोदी ने अपील की कि प्रत्येक स्वास्थ्य केन्द्र पर भी गर्भ निरोधक सामग्रियां उपलब्ध हैं, जिन्हें जरूरत हो, वहां से ले सकते हैं। बिहार सरकार की पूरी कोशिश है कि लोगों को जागरूक कर परिवार नियोजन किया जाये। बढ़ती आबादी बिहार के विकास में बाधक बन सकती है।
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