बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने की बाढ़ पूर्व तैयारियों की समीक्षा

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पटना। अल्प वर्षापात से उत्पन्न स्थिति  एवं बाढ़ पूर्व तैयारियों की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समीक्षा की। बैठक में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के प्रतिनिधि ने अब तक हुई वर्षापात की स्थिति की जानकारी दी। उनके द्वारा बताया गया कि 21 अगस्त के बाद राज्य में वर्षा होने की संभावना है एवं सितंबर महीने में सामान्य से थोड़ी अधिक बारिश होने की भी संभावना है। आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने जिलावार वर्षापात की स्थिति बतायी। प्रधान सचिव कृषि सुधीर कुमार ने राज्य में धान रोपाई की जिलावार स्थिति की जानकारी दी। प्रधान सचिव कृषि ने बताया कि 75 प्रतिशत से कम धान रोपाई 10 जिले में हुई है।

जल संसाधन विभाग ने नदियों के जलस्तर एवं नहरों में पानी की उपलब्धता की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने भूजल स्तर के बारे में बताया कि अभी राज्य में भूजल स्तर की स्थिति अच्छी है और पेयजल की समस्या नहीं है। मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि कहा कि जिन जिलों में वर्षापात की स्थिति कम है, वहॉ प्रखण्डवार धान रोपाई की क्या स्थिति है, उसका सर्वेक्षण कराया जाय। उन्होंने कहा कि अगला दस दिन धान रोपाई के लिए काफी महत्वपूर्ण है। कृषि विभाग की यह कोशिश होनी चाहिए कि इस अवधि में अधिक से अधिक धान की रोपाई हो जाय। जिन 30 प्रखण्डों में 50 प्रतिशत से कम धान की रोपाई के बारे में जानकारी दी गयी है, वहां विशेष नजर रखने की जरूरत है और धान के बदले वैकल्पिक फसल योजना के तहत जो फसल लगाया जा सकता

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है उसकी व्यवस्था भी मुकम्मल रखी जाय। अगले 10 दिनों के बाद वर्षापात की स्थिति, धान की रोपाई की स्थिति की जानकारी मिल जाने के बाद आगे की कार्रवाई की योजना बनायी जाएगी। सारण, वैशाली एवं मुजफ्फरपुर जिले में वर्षापात की स्थिति अच्छी नहीं है, उस पर विशेष नजर रखने की जरूरत है। जमुई जिले की भी स्थिति पर भी नजर रखनी होगी। कई जिलों में वर्षापात की स्थिति सामान्य से कम प्रतिवेदित की गयी है। अब समय पर वर्षा नहीं होकर विलम्ब से वर्षा हो रही है। किसानों को फसल चक्र के बारे में कृषि विभाग को प्रेरित करना चाहिए। अगर कृषि विभाग किसानों को स्थिति अनुसार फसल बुआई के लिए प्रेरित कर सके तो यह बहुत अच्छी बात होगी।

मुख्यमंत्री ने प्रधान सचिव कृषि को निर्देश दिया कि वे हवाई सर्वे कर धान रोपाई की आच्छादन वास्तविक स्थिति का आकलन करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि विभाग के अधिकारी गॉवों में जाएं और किसानों को उनके हित में समुचित सलाह दें और कृषि विभाग इसके लिये सक्रिय रूप से कार्य कर प्रेरक की भूमिका निभाएं। मुख्यमंत्री ने कहा जैसा कि मौसम विभाग बता रहा है, उस अनुसार धान की रोपाई अगर हो  जाती है तो उसका बचाव भी हो जाएगा और आगे रबी की फसल की भी संभावना बेहतर होगी।

बैठक में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, मुख्यमंत्री के परामर्शी अंजनी कुमार सिंह, मुख्य सचिव दीपक कुमार, विकास आयुक्त श्री शशि शेखर शर्मा, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष व्यास, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य उदय कान्त मिश्र, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य पी0एन0 राय, प्रधान सचिव जल संसाधन अरुण कुमार सिंह, प्रधान सचिव कृषि सुधीर कुमार, प्रधान सचिव ऊर्जा एवं आपदा प्रबंधन प्रत्यय अमृत, प्रधान सचिव पथ अमृत लाल मीणा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव  चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव  अतीश चंद्रा, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, सचिव लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण जितेन्द्र श्रीवास्तव, विशेष सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के प्रतिनिधिगण सहित संबंधित विभाग के अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे।

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