बिहार में पियक्कड़ों को मिल सकती है राहत, नीतीश ने दिये संकेत

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पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि हमलोगों ने राज्य में पूरी ईमानदारी से शराबबंदी कानून को लागू किया है। इसमें कुछ कड़े प्रावधान हैं, इसके लिए कार्यक्रम में एक राय बनाने के लिए ऑल पार्टी मीटिंग की गई थी। एक्ट का दुरुपयोग न हो,  इसके लिए मुख्य सचिव ने अधिकारियों की एक कमिटी बनायी है, जो अध्ययन के आधार पर यह जानकारी  देगी कि इसमें क्या  सुधार किया जा सकता है। सुप्रीम  कोर्ट  में  इससे  संबंधित  मामला  चल  रहा है।  अतः  अपने  सीनियर एडवोकेट  और एडवोकेट जनरल से विचार करेंगे और उसके बाद ही कुछ निर्णय लिया जाएगा। कानूनी एवं संवैधानिक पहलू को ध्यान में रखते हुए इन सब चीजों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है।
शराबबंदी कानून का प्रभावकारी ढंग से पालन हो,  इसके किसी अंश  का  दुरुपयोग न हो। अंततः हमलोगों का लक्ष्य शराबबंदी से आगे बढ़ते हुए नशामुक्त समाज बनाना है। शराबबंदी के  लागू  होने  से  अंततः  फायदा  गरीब गुरबा को हुआ है।  कुछ  लोगों  का  कहना था कि शराबबंदी लागू होने से राजस्व में बहुत बड़ा घाटा हुआ है लेकिन सच्चाई यह है कि लोगों का  शराब में खर्च होने  वाली  बड़ी  राशि  का  उपयोग  विभिन्न  कामों  में  किया  जा रहा है, जिससे  बाजार का विस्तारीकरण  हुआ है  और  राज्य  के खजाने  में  कर  राशि  आ रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब के उत्पादन कार्य करने वाले लोगों के वैकल्पिक रोजगार के लिए सरकार सहायता देना चाह रही है, इसके लिए विस्तृत सर्वेक्षण भी करवा रही है। शराबबंदी से लोगों में बहुत संतोष इस बात की मुझे खुशी है, यह एक बहुत ही कठिन काम है, यह एक सामाजिक अभियान है, यह एक बहुत बड़ा समाज सुधार का काम है। खैनी पर प्रतिबंध के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को इससे विमुक्त करने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाएगा।  यह एक अभियान के रूप में चलेगा,  इसके वैकल्पिक खेती के बारे में लोगों को बताया जाएगा। एकाएक इस पर कुछ निर्णय नहीं लिया जाएगा।

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