पटना। बिहार में लू ने अब तक तकरीबन 100 जानें ले ली हैं। कुदरत का कहर अब भी जारी है। अगले 24 घंटे तक राहत मिलने की उम्मीद नहीं। विशेषज्ञों ने सावधानी बरतने को कहा। नवादा जिले में भीषण लू से पिछले 15 घंटों के भीतर 13 लोगों की मौत हो गई। 7 लोगों की मौत का बुलेटिन सदर अस्पताल के उपाधीक्षक ने भी जारी किया। मगध प्रमंडल के आयुक्त पंकज पाल ने नवादा पहुंच कर स्थितियों का जायजा लिया। नावादा, गया और औरंगाबाद में पिछले 36 घंटों के अंदर सर्वाधिक मौतें हुई हैं। बिहार के अन्य जिलों से भी छिटफुट लू से मरने की सूचनाएं आ रही हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये के मुआवजे की घोषमा की है।
भीषण लू के कारण नवादा के मेसकौर थाने के बारत गांव के अच्युतानंद सिंह, अकबरपुर थाने के फरहा गांव के बुधनी देवी, कादिर गंज की श्रीदेवी, रोह थाने के बंडाजोर गांव के बाबूलाल सिंह, मिर्जापुर के परमेश्वर महतो, हिसुआ के जवाहर प्रसाद, गोविंदपुर के देवचरण पंडित, नारदीगंज के जिला पार्षद उगिया देवी के पति रामवृक्ष चौधरी, न्यू एरिया मोहल्ले में श्याम प्रसाद, देव नारायण यादव, कौवाकोल के रामस्वरूप, नवादा मुफस्सिल थाना के भदोखरा गांव के कृष्ण देव सिंह सहित 13 लोगों की मौत लू से हो गई।
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक ने बुलेटिन जारी कर 7 लोगों की मौत शनिवार की शाम से आज तक होने की पुष्टि की है। गर्मी से इलाके में मौतों की संख्या बढ़ भी सकती है। लू से बड़ी संख्या में मौत के बाद नवादा के अधिकारियों ने अफरातफरी में देर रात अस्पताल के विभिन्न वार्डों में गर्म हवा से जल रहे मरीजों के लिए कूलर का इंतजाम किया।
लू से मौत की बड़ी संख्या को देखते हुए मगध प्रमंडल के आयुक्त पंकज पाल ने नवादा पहुंच कर स्थितियों का जायजा लिया। अस्पताल की व्यवस्था पर सिविल सर्जन को कड़ी फटकार लगाते हुए जिला पदाधिकारी को भी सजग रह कर काम करने के निर्देश दिए। आयुक्त ने डीएम सहित विभिन्न स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ बैठक कर लू से बचाव के लिए सजगता से काम करने की बात की।
नालंदा जिले में लगातार भीषण गर्मी और लू के थपेड़ों से लोगों का जीना मुहाल हो गया है। दिन हो या रात लगातार व्याकुल बना देने वाली गर्म हवा से जीना मुश्किल हो रहा है। पिछले कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ते हुए 45 डिग्री से भी अधिक तापमान होने से लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है। सभी बीमार लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें एक की मौत हो गयी, जबकि दर्जनों लोग लू की चपेट में आने से अभी बीमार हैं। सभी का इलाज विम्स अस्पताल पावापुरी में चल रहा है। इसमें कई की हालत नाजुक बताई जा रही है। एक मरीज की हालत अधिक नाजुक होने से पटना रेफर किया गया है।
इस भयंकर गर्मी से अचानक नवादा जिला में दर्जनों लोग बीमार हो जाने से पूरा जिला प्रशासन सकते में पड़ गया। कुछ लोगों का नवादा सदर अस्पताल में इलाज चल रहा है तो विशेष रूप से इस लू की बीमारी से बीमार लोगों को शनिवार की आधी रात को पावापुरी आयुर्विज्ञान संस्थान अस्पताल में भर्ती कराया गया। इधर आधी रात में लागातार एम्बुलेंस पर लोग पावापुरी अस्पताल पहुंचने लगे। अस्पताल में अफरा तफरी का माहौल बन गया। पहले तो इमरजेंसी वार्ड में इतनी संख्या में अचानक मरीजों के पहुंचने से चिकित्सक एवं नर्स भी हड़बड़ा गए। अस्पताल अधीक्षक डॉ ज्ञान भूषण के साथ साथ चिकित्सक इमरजेंसी वार्ड पहुंच गए। इस दौरान अधीक्षक डॉ भूषण मौजूद रहकर इलाज की हर सहायता पहुंचाने की मोनिटरिंग करते रहे।
इधर नवादा से मरीजों के आने के कुछ ही देर बाद नवादा जिलाधिकारी कौशल कुमार, सीएस डॉ श्रीनाथ प्रसाद सहित कई प्रशानिक लोग अस्पताल पहुंच गए। साथ ही लू लगने से काफी संख्या में लोगों के बीमार होने की खबर सुनते ही राजगीर एस डी ओ संजय कुमार, गिरियक बीडीओ धर्मवीर कुमार, पावापुरी थानाध्यक्ष प्रभा कुंमारी भी अस्पताल पहुंचे। नवादा जिलाधिकारी सभी मरीजों से मिले और अस्पताल अधीक्षक से मिलकर इलाज में सहयोग के लिए मोनेटरिंग करते रहे। हालांकि इस दौरान 65 वर्षीय वृद्ध की मौत हो गयी। मृतक नवादा जिला के कुंडिपुर गांव का देवनन्द यादव है।
सारण जिले के दिघवारा प्रखंड के लक्ष्मीपुर ककढिया गांव निवासी बटेश्वर सिह (70) वर्ष की लू की चपेट में आने से मौत हो गई। रविवार की दोपहर में उन्हें लू लगा और तेज बुखार हुआ। परिजनों ने उपचार के लिए हाजीपुर भेजा, जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।
दरभंगा जिला के तारडीह प्रखंड क्षेत्र के कैथवार पंचायत निवासी रूपलाल सिंह के पुत्र लालबहादुर सिंह की लू लगने के कारण रविवार को मृत्यु हो गयी। इस बात की जानकारी देते हुए पंचायत के मुखिया मिथिलेश कुमार सिंह ने बताया कि 49 वर्षीय मृतक लाल बहादुर सिंह, जो मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते थे, बांस काटने गये थे। वहां उन्हें बेचैनी के साथ पेट में दर्द और उल्टी होनी शुरू हो गये। परिवार के लोग उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें झंझारपुर इलाज के लिए ले गये। वहां चिकित्सकों ने उनकी स्थिति को देखते हुए डीएमसीएच रेफर कर दिया। परिजनों द्वारा डीएमसीएच ले जाने के क्रम में लोहना पाठशाला के नजदीक उन्होंने दम तोड़ दिया।
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