मलबे में मिले सैकड़ों शिवलिंग व विग्रह, बनारस में हड़कंप

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  • हरेन्द्र शुक्ला 

वाराणसी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में हद अपनी हद से आगे गुजर गई। श्रीकाशी विश्वनाथ कारिडोर का मलबा हटाने के दौरान मलबे से साथ सैकड़ों शिवलिंग मिले हैं। इस सूचना के बाद ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंन्द सरस्वती जी के शिष्य प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी के नेतृत्व में सैकड़ों काशीवासी लंका थाना क्षेत्र के रोहित नगर में पहुँच गये और काम रोकवा दिया। श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर योजना के लिए मंदिर परिक्षेत्र में ध्वस्त किये जा रहे भवनों के मलबे से 150 शिवलिंग, नंदी व अन्य देवताओं के विग्रह मिले हैं।

इस घटना के बाद एक ओर जहाँ मंदिर प्रशासन का झूठ बेनकाब हुआ, वहीं काशीवासियों का क्षोभ खुलकर सामने आया। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और आप नेता श्री संजीव सिंह के साथ ही भाजपा एवं हिन्दूवादी संगठनों को छोड़ कर विभिन्न दलों के नेताओं ने भी घटनास्थल पर पहुंच कर काशीवासियों के गुस्से को आवाज दी और लंका थाने में तहरीर देकर आस्था से जुड़े इस मामले में निष्पक्ष जांच करा कर आस्था के साथ खिलवाड़ करने वालों के विरुद्ध कडी काररवाई करने की मांग की। दूसरी ओर श्रीकाशी विश्वनाथ विशिष्ट प्राधिकरण क्षेत्र के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने एक बार फिर गलत बयानबाजी की और यह कह कर मामला टाल दिया कि मलबा कारिडोर के लिए ध्वस्त किये जा रहे भवनों का नहीं है।

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श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर योजना के लिए मंदिर परिक्षेत्र में ध्वस्त किये जा रहे भवनों के मलबे से 150 शिवलिंग, नंदी व अन्य देवताओं के विग्रह से रोहित नगर के अस्सी नाला को पाटने के दौरान मिलने के बाद बुधवार को काशीवासियों में क्षोभ व्याप्त हो गया। मामले की जानकारी के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया और मौके पर कई थानों की पुलिस सहित एडीएम सिटी, एसपी सिटी पहुंच गये और मलबे से निकले शिवलिंगों सहित अन्य विग्रहों  को लंका थाना भिजवा कर मामले को ठंढा करने में जुट गये। इस मामले की सूचना के बाद ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंन्द सरस्वती जी के शिष्य प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी, कांग्रेस नेता एवं पूर्व विधायक अजय राय, आम आदमी पार्टी के पूर्वांचल प्रभारी संजीव सिंह समेत विभिन्न विपक्षी दलों के नेता व पार्षद भी मौके पर पहुंच गये। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी की उपस्थिति में कांग्रेसी नेता अजय राय ने लंका थाने में तहरीर दी। इस पर एफआईआर दर्ज कर लिया गया।

इस बाबत एडीएम सिटी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि कुछ शिवलिंग मिले हैं, मामला संगीन है, लेकिन बिना जांच के किसी निष्कर्ष पर पहुंचना उचित नहीं होगा। बताते चलें कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट विश्वनाथ कॉरिडोर योजना के लिए विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र में क्रय किये गये मंदिरों और भवनों की ध्वस्तीकरण की कार्रवाई चल रही है। यह काम प्रतिदिन रात में ही होता है। विश्वनाथ परिक्षेत्र में गिराए जा रहे भवनों व मंदिरों के मलबे को रात में ही खच्चरों के सहारे सडक तक लाया जाता है और उसके बाद ठेकेदार द्वारा यह मलबा कहां फेंका जाता है, इसकी जानकारी संभवतः मंदिर प्रशासन को भी नहीं है।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बताया कि मैने पहले ही कहा था कि विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र में मंदिर तोड़े जा रहे हैं। अब तो शिवलिंग, नंदी व अन्य देवी-देवताओं के विग्रहों के मलबे से मिलने के बाद मेरी आशंका सच साबित हुई है। उन्होंने बताया कि लोगों द्वारा 25 से ज्यादा विग्रह मलबे से निकाले गए हैं। हम लोगों के मौके पर पहुंचने से पहले प्रशासन व पुलिस ने विग्रहों को हटाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि 150 से ज्यादा विग्रह लंका थाने में छुपा दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह धार्मिक मामला है और मंदिरों को तोड़ना, विग्रहों को नष्ट करना और उसे नाले में फेंकना जघन्य अपराध है। इसके लिए किसी को क्षमा नहीं किया जा सकता, चाहे वह कितना ही बड़ा जनप्रतिनिधिन क्यों न हो।

पीएम और सीएम पर आरोप लगाते हुए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि हम लोग यहीं टेंट लगा कर रहेंगे। मलबे में अभी और भी देव विग्रहों के दबे होने की आशंका है। ऐसे में सभी विग्रहों को निकाल कर उनका शुद्धीकरण कर पूजा पाठ शुरू किया जाएगा। इसके बाद हम लोग देवताओं की रक्षा के लिए शहर में देव न्याय मार्च भी निकालेंगे। स्वामीश्री ने उपरोक्त मलबे को कब्जे में लेकर यह भी जांच करने की मांग जिला प्रशासन से की है कि आखिर यह मलबा कारिडोर क्षेत्र के ध्वस्त किये जा रहे मंदिरों का नहीं है तो आखिर कहां से मलबा टपक गया, जिसमें शिवलिंग बाहर आ रहे हैं।

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एडीएम सिटी सुनील कुमार सिंह ने बातचीत में मलबे में शिवलिंग सहित अन्य देव विग्रह पाये जाने की बात स्वीकार की है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय जनता के मुताबिक रोहित नगर के इस प्लाट पर दो दिनों से रात में मलबा गिराया जा रहा था। यह मलबा विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र का ही है, यह दावे से नहीं कहा जा सकता। यह जांच का विषय है। जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। जांच में यह भी पता लगाया जाएगा कि यह मलबा कौन यहां गिरा रहा था।

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कारिडोर के मलबे के बाबत श्रीकाशी विश्वनाथ विशिष्ट प्राधिकरण क्षेत्र के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह ने बताया कि जो लोग यह आरोप लगा रहे हैं कि वह कारिडोर के लिए ध्वस्त किये जा रहे भवनों का मलबा है, वे सरासर झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने साफ तौर पर कारिडोर का मलबा होने से इंकार करते हुए कहा कि न तो हमारा मलबा है और न हमारे ठेकेदार ने ही वहां गिरवाया है।

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