मिनिस्टर की लिस्ट तय, बिहार में किसी भी दिन कैबिनेट विस्तार

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मिनिस्टर कौन बनेगा, इसकी लिस्ट फाइनल है। अब किसी भी दिन शपथ ग्रहण हो सकता है। तारीख नीतीश कुमार को तय करनी है, वे जब तय करें।
मिनिस्टर कौन बनेगा, इसकी लिस्ट फाइनल है। अब किसी भी दिन शपथ ग्रहण हो सकता है। तारीख नीतीश कुमार को तय करनी है, वे जब तय करें।

पटना। मिनिस्टर कौन बनेगा, इसकी लिस्ट फाइनल है। अब किसी भी दिन शपथ ग्रहण हो सकता है। तारीख नीतीश कुमार को तय करनी है, वे जब तय करें। डिप्टी सीएम तार किशोर प्रसाद ने भी यह साफ कर दिया है कि बीजेपी की ओर से सूची बन गयी है। कैबिनेट एक्सपैंसन में बीजेपी की ओर से अब कोई बाधा नहीं है। विस्तार किस दिन होगा, इसकी तारीख मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ही तय करनी है। बीजेपी कोटे से शाहनवाज हुसैन का शामिल होना पक्का है। दूसरी ओर उपेंद्र कुशवाहा को जेडीयू कोटे से मंत्री बनाया जा सकता है। शाहनवाज हुसैन बीजेपी कोटे से विधान परिषद के सदस्य के रूप में शपथ ले चुके हैं। उपेंद्र कुशावाहा को राज्यपाल कोटे से एमएलसी बना कर मंत्री पद दिये जाने की चर्चा है। नीतीश की शर्त वह मान गये हैं। उनकी पार्टी- रालोसपा का जेडीयू में विलय होगा। शाहनवाज हुसैन के साथ ही विधान परिषद का उपचुनाव जीते वीआईपी के मुकेश सहनी पहले ही नीतीश कुमार की कैबिनेट में मंत्री बनाये जा चुके हैं।

बीजेपी के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव ने भी संकेत दे दिया था कि कैबिनेट का एक्सपैंसन सही समय पर हो जाएगा। हालांकि दो बार मुख्यमंत्री कैबिनेट विस्तार में देरी को लेकर बीजेपी के सिर ठीकरा फोड़ चुके हैं। उनका कहना था कि मंत्रिमंडल के विस्तार में इतना विलंब कभी नहीं हुआ। बीजेपी की ओर से प्रस्ताव न मिलने के कारण इतना विलंब हो रहा है।

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सरकार गठन के तकरीबन ढाई माह पूरे हो रहे हैं। अभी तक 22 मंत्रियों के पद खाली पड़े हैं। इससे विभागीय कामकाज में परेशानी हो रही है। वित्तीय चालू वर्ष समाप्ति के कगार पर है। तकरीबन 6 महीनों से चुनाव और मंत्रियों की कमी के कारण विभागीय कामों में गति नहीं आ रही है। अभी जो मंत्री हैं, सारे विभाग उन्हों में बंटे हैं। विभागों के काम के बोझ के कारण कम मंत्रियों की कमी पूरी करने की सख्त जरूरत है।

दरअसल कैबिनेट विस्तार में विलंब की एक वजह यह मानी जा रही है कि विधायकों के संख्या बल के मुताबिक कैबिनेट में बीजेपी ज्यादा बर्थ चाहती है, जबकि नीतीश कुमार बराबरी के पक्ष में हैं। दोनों ही ओर से मंथन कर मंत्री बनाये जाने वाले नामों का चयन किया जा चुका है। कुछ नाम तो हवा में तैरने भी लगे हैं, लेकिन शाहनवाज हुसैन के ही कैबिनेट में शामिल होने की बात पक्के तौर पर कही जा सकती है। उनके बाद ही और नामों पर बीजेपी विचार करेगी। यही वजह है कि केंद्र की राजनीति कर चुके शाहनवाज हुसैन को राज्य की राजनीति में उतारने का बीजेपी ने फैसला किया है।

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