मुंगेर में पिछले 22 घंटे से बोरवेल में फंसी एक मासूम 3 वर्षीय बच्ची

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  • बच्ची को बचाने के लिए लगातार गड्ढे खोदे जा रहे हैं
  • निकालने के लिए रांची से बुलाये गये हैं आर्मी के जवान 
  • बोरवेल में लगभग 42 फीट नीचे गड्ढे में फंसी है मासूम
नंदकिशोर सिंह
मुंगेर।  शहर के मुर्गीयाचक निवासी उमेश नंदन साह के घर में समरसेबल बोरिंग खोदने के दौरान मंगलवार को करीब 3 बजे शाम में समरसेबल बोरिंग के गड्ढे में 3 वर्षीय मासूम उनकी नतिनी सन्नो फिसल कर जा गिरी। उसे सकुशल  बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन 22 घंटे से लगातार जारी है। मौके पर चिकित्सकों की टीम लगातार कैंप कर रही है।
लगभग 42 फीट गड्ढे में फंसी मासूम सन्नो को पाइप के माध्यम से ऑक्सीजन पहुंचाया जा रहा है। जिससे कि वह ठीक से सांस ले सके। सीसीटीवी से उसकी निगरानी की जा रही है। बोरवेल के अंदर बच्ची के रोने की आवाज आ रही है।
मौके पर पहुंची बच्ची को पढ़ाने वाली शिक्षिका ने बच्ची को आवाज देकर उसका कुशल क्षेम पूछा। बच्ची को चॉकलेट भी बोरवेल के अंदर दिया गया है। मैनुअल गड्ढे खुदाई के कारण ऑपरेशन में देरी हो रही है। बताया जा रहा है कि करीब 2 से 3 घंटे का समय और बच्ची के पास पहुंचने तक लग सकता है। बच्ची को बचाने के लिए रांची से आर्मी की स्पेशल टीम मुंगेर घटना स्थल पर बुलाई गयी है।
बताया जाता है कि शहर की वीर कुंवर सिंह कॉलोनी  निवासी बैंक कर्मी नचिकेता साव के पुत्री  सन्नो एक सप्ताह पहले अपने नाना उमेश नंदन प्रसाद साव  के घर मुर्गीयाचक आई थी। पिछले 2 दिनों से उनके घर में समरसेबल बोरिंग लगाने का काम चल रहा था। बीते दिन करीब 3 बजे शाम में खेलने के दौरान समरसेबल में फिसल कर वह गड्ढे में जा गिरी। फिलहाल जिला प्रशासन के सभी प्रशासनिक पदाधिकारी घटनास्थल पर उस  मासूम बच्ची को बचाने के लिए कैंप किए हुए हैं। आर्मी के जवानों के पहुंचने का इंतजार बेसब्होरी से हो रहा है।
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