मुजफ्फरपुर जेल में तलाशी के बाद कर्मी से उलझे बन्दी

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मुजफ्फरपुर। अपराधी जेल के बाहर ही उत्पात नहीं मचाते, उनका रोआब जेल की सीखचों के भीतर भी बना रहता है। वे न सिर्फ अपनी आरामतलबी के साजोसामान लाख चौकसी के बावजूद जेल में जुटा लेते हैं। आतंक के पर्याय बने मुन्ना बजरंगी की जेल में हत्या इसका जीता-जागता उद्हारण है। जेल के भीतर गोली-रिवाल्वर का पहुंच जाना कितना आसान है, इस घटना से यह भी उजागर हुआ है। मुजफ्फरपुर केंद्रीय कारा में इसकी पुनरावृत्ति तो नहीं हुई, लेकिन बुधवार को जिस तरह कैदियों, जेल कर्मियों के बीच हंगामा हुआ, अगर प्रशासन सचेत नहीं रहता तो कुछ भी हो सकता था। समय पर काफी संख्या में पुलिस पहुंचने से हालात को काबू किया जा सका।

अमर शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में बुधवार की सुबह जेल वार्डो की तलाशी ली गयी। जब तलाशी चल रही थी तो अस्पताल वार्ड से मोबाइल व चार्जर बरामद किए गए। मामले में बंदी मो. वसीम के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के लिए मिठनपुरा थाने में प्रतिवेदन भेजा गया है।

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कार्रवाई के बाद जेल के अंदर दो बंदियों ने विरोध जताया। समझाने आए कर्मी से उलझ गए। मारपीट करने लगे। दोनों बंदियों के समर्थन में अन्य बंदी भी वार्ड में हंगामा करने लगे। हालात बिगड़ते देख जेल प्रशासन ने इसकी सूचना डीएम और एसएसपी को दी। डीएम मो. सोहैल व एसएसपी हरप्रीत कौर के निर्देश पर संयुक्त टीम शाम करीब साढ़े पांच बजे जेल पहुंची। विशेष रणनीति के तहत एसडीओ पूर्वी कुंदन कुमार, नगर डीएसपी मुकुल कुमार रंजन, पश्चिमी डीएसपी कृष्ण मुरारी प्रसाद ने करीब एक दर्जन थाने की पुलिस, काफी संख्या में पुलिस लाइन से पहुंचे महिला व पुरुष पुलिसकर्मी के साथ जेल के अंदर चप्पे-चप्पे पर तलाशी ली। देर शाम तक जेल के अंदर तलाशी ली गई। फिलहाल, शांति बहाल रखने को लेकर एहतियातन मजिस्ट्रेट के साथ काफी संख्या में पुलिस फोर्स वहां कैंप कर रही।

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