राहुल 21 दिनों में न नेता तय कर पाये न हार का कारण तय कर सके

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महम्मदपुर नरसंहार के असली साजिशकर्ता राजेश यादव को को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का संरक्षण प्राप्त है। सुशील मोदी ने यह आरोप लगाया है।
महम्मदपुर नरसंहार के असली साजिशकर्ता राजेश यादव को को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का संरक्षण प्राप्त है। सुशील मोदी ने यह आरोप लगाया है।

पटना। राहुल गांधी 21 दिनों में न नेता तय कर पाये न हार का कारण तय कर सके। बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने अपने ट्वीट में यह बात कही है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी 21 दिन बाद तक लोकसभा में कांग्रेस का नेता तय नहीं कर पाये। पार्टी की हार का सही कारण तय कर भविष्य के लिए कोई बड़ा फैसला भी वह नहीं ले पाये। यह कांग्रेस की कार्यसंस्कृति है। दूसरी ओर केंद्र में बनी नरेंद्र मोदी की सरकार धड़ाधड़ नीतियां बना रही है और उसकी कार्य योजना तय कर रही है।

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उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने  चुनाव परिणाम आने के बाद  6 दिन के भीतर 57 मंत्रियों का चयन कर लिया। अगले 6 दिनों में रोजगार और निवेश के मुद्दे पर दो उच्चस्तरीय कैबिनेट समितियों का गठन किया गया। सरकार की दूसरी पारी में  तेजी से फैसले लेते हुए संसद के पहले सत्र में आने वाले विधेयकों के प्रारूप को मंजूरी दी गई और सामान्य वर्ग के गरीबों को 30 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में रिजर्वेशन का लाभ इसी सत्र से देने के लिए 1,496 करोड़ रुपये भी आवंटित कर दिये गए।

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उन्होंने उन मतदाताओं के प्रति प्रकट किया है, जिन्होंने तेज और सही फैसले करने वाली मजबूत सरकार की वापसी सुनिश्चित की। वैसे दल को किनारे किया, जिसे फैसले लेने में ही काफी वक्त लग जाता है। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि राहुल गांधी 21 दिन बाद तक न लोकसभा में कांग्रेस का नेता तय कर पाये और न पार्टी की हार का सही कारण तय कर भविष्य के लिए कोई बड़ा फैसला ले पाये।

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भ्रष्टाटार और काले धन के बाबत सुशील मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार और कालाधन के विरुद्ध एनडीए सरकार ने पिछली पारी में स्विट्जरलैंड के साथ समझौता करने सहित जो ठोस कानूनी-राजनयिक प्रयास किये थे, उसका फल है कि स्विस बैंक ने कालाधन जमा कराने वाले 50 भारतीय नागरिकों के बारे में जानकारियां साझा कीं। एनडीए सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति पर कायम रही, इसलिए चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री को उन्हीं लोगों के सबसे तीखे विरोध का सामना करना पड़ा, जिनकी सरकार के समय भ्रष्टाचार चरम पर था। राहुल गांधी, लालू प्रसाद और ममता बनर्जी को बताना चाहिए कि क्या स्विस बैंक को कालाधन रखने वालों का सेफ हेवेन बने रहने देना चाहिए था?

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