रांची। झारखंड हाई कोर्ट ने चारा घोटाला मामले में राजद सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की जमानत को आगे बढ़ाने से रांची हाई कोर्ट ने शुक्रवार को इनकार कर दिया। अब लालू यादव को हर हाल में 30 अगस्त तक सरेंडर करना होगा।
लालू की तरफ से अपील की गई थी कि उनकी जमानत को 3 महीने तक के लिए आगे बढ़ा दिया जाए। रांची हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से कहा गया कि मुंबई से लालू यादव इलाज करा कर आते हैं और अपने घर चले जाते हैं। सीबीआई ने कहा कि लालू यादव इलाज के लिए मिली बेल का गलत फायदा उठा रहे हैं।
पिछले दिनों ही लालू के बेटे तेजस्वी यादव ने ट्वीट के माध्यम से जानकारी दी थी कि लालू की तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही है। तेजस्वी ने अपने वॉल पर लिखा था कि एशियन हार्ट इंस्टीच्यूट, मुंबई में अपने पिता का पता करने आया तो उनकी सेहत में लगातार होती गिरावट में और इन्फेक्शन में बढ़ोतरी से काफी चिंतित हुआ। मैं दुआ करता हूं कि वह जल्द से जल्द ठीक हों। उनकी देखभाल के लिए डॉक्टरों की पूरी टीम मौजूद है।
यहां यह बता दें कि लालू यादव चारा घोटाले मामले में दोषी करार दिये जाने के बाद रांची के बिरसा मुंडा जेल में थे, लेकिन खराब सेहत के कारण उन्हें पहले रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रिम्स के बाद उन्हें दिल्ली के एम्स में इलाज के लिए भेजा गया था। तकरीबन एक महीने के इलाज के बाद एम्स ने उन्हें 30 अप्रैल को डिस्चार्ज कर दिया था। फिलहाल उनका इलाज मुंबई में चल रहा है। खराब तबीयत के कारण ही वह पिछले काफी समय से जमानत पर बाहर हैं।
होटल आवंटन मामले में आरोपपत्र दाखिल
इधर, प्रवर्तन निदेशालय ने आईआरसीटीसी के होटेलों के आवंटन में धन शोधन के मामले में लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ आज आरोपपत्र दायर किया है। मामला आईआरसीटीसी के दो होटलों का प्रबंधन ठेका एक निजी कंपनियों को देने में कथित भ्रष्टाचार का है। मामले के अनुसार रेल मंत्री के पद पर रहते हुए लालू प्रसाद यादव ने इंडियन रेलवे केटरिंग ऐंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आइआरसीटीसी) द्वारा संचालित दो होटेलों (रांची और पुरी) का ठेका सुजाता होटेल्स को दे दिया था। लालू पर आरोप है कि इन होटेलों के ठेके देने के एवज में एक बेनामी कंपनी के जरिए पटना में तीन एकड़ का भूखंड लिया गया।
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