समस्तीपुर (प्रमोद प्रभाकर)। अनुमंडल के विभूतिपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एएनएम की धांधली से खफा एक प्रसव पीड़िता के परिजनों ने जम कर हंगामा किया। आरोप है कि एएनएम के द्वारा डिलीवरी के लिए आने वाली महिलाओं के परिजनों से जबरन पैसे वसूले जाते हैं।
इसी प्रकार कुछ दिन पहले भी समस्तीपुर सदर अस्पताल में मरीज के परिजनों द्वारा रुपये को लेकर हंगामा करने पर दलाल ने रुपये परिजन को वापस किये थे। इस कांड में आरोप सदर अस्पताल डीएस पर लगा था। इस प्रकरण में एक्सरे वालों का भी हाथ होता है। हर पेसेंट के परिजनों से ₹500 से 1000 तक की वसूली की जाती है। परिजनों द्वारा पैसे नहीं देने पर न सिर्फ पेसेंट, बल्कि उनके साथ दुर्व्यवहार और परिजन के साथ भी दुर्व्यवहार किया जाता है। हद तो तब हो गई, जब सोमवार की सुबह एक पेशेंट के परिजन से एएनएम के द्वारा 700 सौ रुपए की मांग की गई। नहीं देने पर पुर्जा नहीं देने की बात एएनएम ने कही।
बता दें कि उक्त पेसेंट धर्मेंद्र कुमार कुशवाहा विभूतिपुर प्रखंड के महथी द० पंचायत के एकडारा निवासी की पत्नी हैं। उन्हें प्रसव पीड़ा होने पर सोमवार सुबह करीब 7:00 बजे एंबुलेंस से विभूतिपुर पीएचसी में लाया गया था, जहां कुछ देर बाद 7:11 बजे एक लड़की का जन्म हुआ। उसके बाद एंबुलेंस ड्राइवर ललित कुमार ने मुंह मीठा कराने की बात कही तो पीएचसी के सभी स्टाफ के लिए बाजार से मिठाई मंगवाकर परिजनों द्वारा दी गयी थी। इसके बावजूद एएनएम को पैसे चाहिए थे। नहीं देने पर एएनएम द्वारा गाली गलौज किया गया। स्टोर कीपर विनोद कुमार दास के लाख समझाने के बावजूद उक्त एएनएम चुप होने का नाम नहीं ले रही थी। यहां तक कि हाथापाई करने की भी स्थिति में आ गई।
घटना का कवरेज करने के दौरान एएनएम ने कैमरा तोड़ने और अंजाम भुगतने की धमकी दी। एएनएम ने बताया कि मेरे घर बड़े-बड़े अफसर हैं। देखते हैं कौन क्या करता है। आशा द्वारा पैसे नहीं देने पर एएनएम ने प्रसव रजिस्टर में उसका नाम नहीं चढ़ाया। गुस्से में बच्ची का नाम भी अपने मन से स्वीटी कुमारी लिख दिया, जबकि उक्त मरीज की सास ने बच्ची का नाम दुर्गा लिखने को कहा, तो कहा गया कि बाद में सही करवा लेना। बगैर पूछे अपने मन से किसी का नामकरण कर देना, यह अनिवार्य नहीं है। वहां उपस्थित मरीजों ने बताया कि एएनएम द्वारा जोर-जबरदस्ती कर रुपये लिये जाते हैं। एएनएम द्वारा आशा पर दबाव बना कर रुपए लिये जाने का आरोप है। आशा रुपये नहीं दिलाती है तो ठीक से देखभाल, दवाई, सुई भी नहीं होती है। इस संबंध में चिकित्सा प्रभारी विभूतिपुर सहित अन्य विभागीय बड़े पदाधिकारी को शिकायत पत्र दिया गया है।
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