सरना धर्म कोड की मांग को लेकर 5 प्रदेशों में जनसभाएं

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सरना धर्म कोड की मांग को लेकर 5 प्रदेशों में 3 से 24 जनवरी तक जनसभाएं आयोजित की जाएंगी। पूर्व सांसद  सालखन मुर्मू ने यह बताया है।
सरना धर्म कोड की मांग को लेकर 5 प्रदेशों में 3 से 24 जनवरी तक जनसभाएं आयोजित की जाएंगी। पूर्व सांसद  सालखन मुर्मू ने यह बताया है।

रांची। सरना धर्म कोड की मांग को लेकर 5 प्रदेशों में 3 से 24 जनवरी तक जनसभाएं आयोजित की जाएंगी। पूर्व सांसद  सालखन मुर्मू ने यह बताया है। उन्होंने कहा कि भारत के लगभग 15 करोड़ आदिवासी हिंदू, मुसलमान,  ईसाई आदि धर्मावलम्बियों जैसे नहीं हैं।  वे प्रकृति पूजक हैं, मूर्ति पूजक नहीं। उनकी पूजा- पद्धति, सोच-संस्कार, भाषा-संस्कृति आदि प्रकृति से जुड़ी हुई हैं।

2011 की जनगणना में 50 लाख से ज्यादा आदिवासियों ने सरना धर्म के रूप में अपना धर्म दर्ज कराया है। अत: अब हम आदिवासी 2021 की जनगणना में सरना धर्म के नाम से अन्य मान्यता प्राप्त धर्मों की तरह अलग कॉलम और कोड नंबर की मांग कर रहे हैं, जो संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत हमारा मौलिक अधिकार भी है। भारत के आदिवासियों को अब सरना धर्म कोड प्रदान नहीं करना उनके साथ नाइंसाफी है। आदिवासियों के साथ अन्याय और पक्षपात करने जैसा होगा। फिलहाल सरना पर भाजपा के आदिवासी विरोधी रवैया से इस मामले पर संशय जारी है।

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पूर्व सांसद सालखन मुर्मू कहते हैं कि 2015 में सरना धर्म कोड का खारिज होना सरना नाम के कारण नहीं, बल्कि आदिवासियों द्वारा अनेक नामों के प्रस्ताव के कारण हुआ होगा। देश के अनेक हिस्से के आदिवासी एक कोड पर सहमत नहीं हैं। वे अलग अलग धर्म का प्रस्ताव सरकार को दे रहे हैं, जिसके कारण सरकार को आदिवासियों के धर्म कोड को खारिज करने का बहाना मिल जा रहा है। उदाहरण के तौर पर उन्होंने बताया कि भारत में अनेक भाषाओं को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग जारी है, परंतु उसके कारण कोई भाषा विशेष की मान्यता नहीं रोकी जाती है। जैसे संताली भाषा को 2003 में मान्यता मिल गई, परंतु भोजपुरी जो एक समृद्ध भाषा है,  को अब तक मान्यता नहीं मिली है। अतः उपरोक्त कारण निराधार और गलत है, मतलब एकता जरूरी है।

प्रेस बयान में पूर्व सांसद सालखन मुर्मू बताया गया है कि आदिवासी सेंगेल अभियान (ASA) 3 जनवरी 2021 से 24 जनवरी 2021 तक झारखंड, बिहार, बंगाल, असम और उड़ीसा के विभिन्न जिलों में “सरना धर्म कोड जनसभाओं” का आयोजन कर रही है। जहां निरंतर सरना धर्म कोड को लेकर आंदोलन जारी है। 20 से 31 दिसंबर 2020 तक लगभग 200 सरना धर्म रथ चलाकर जन जागरण का काम किया गया है।

सरना धर्म रथ का कार्यक्रमः   3.1.2021  झारखंड के  गिरिडीह जिला के पीरटांड़ प्रखंड  में, 4.1. 2021 बोकारो जिला के कसमार प्रखंड के अंतर्गत खैराचतर वन सभागार समीप मैदान में, उसी दिन दूसरी सभा 2 बजे से तुपकाडीह में,  5.1.21 जामताड़ा जिला के फतेहपुर प्रखंड के अंतर्गत अंगूठियां मोड़ पिटोलपड़ा मैदान में, 6.1.2021 दुमका जिला के दुमका शहर की इनडोर स्टेडियम में, 7.1. 2021 बंगाल के पुरुलिया जिला के अंतर्गत पुरुलिया हरिपोदो हॉल में, 10.1.2021  हुगली जिला के धनियाखली प्रखंड के अंतर्गत भस्तरा खेल मैदान में, 11.1.21 दक्षिण दिनाजपुर जिला के बुनियादपुर में, 12.1.21 मालदा जिला के गाजोल शहर में, 13.1.2021 असम के कोकराझार जिले के श्रीरामपुर में, 14.1.21 बिहार के किशनगंज शहर के रोहिदास मैदान में, 17.1.21  जदयू झारखंड का झारखंड प्रदेश कार्य समिति की बैठक रांची के प्रेस क्लब में दिन के 11 बजे से 4 बजे तक, 18.1.2021 झारखंड के खूंटी में,  24.1.2021 ओडिशा के बरिपदा या रायरंगपुर में।

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