अंग्रेजों से लोहा लेने वाले शहीद वीर बुधु भगत को हेमंत ने नमन किया

0
240
अंग्रेजों से लोहा लेने वाले शहीद वीर बुधु भगत को उनके शहादत दिवस पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनकी त्सवीर पर फूल चढ़ा कर नमन किया।
अंग्रेजों से लोहा लेने वाले शहीद वीर बुधु भगत को उनके शहादत दिवस पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनकी त्सवीर पर फूल चढ़ा कर नमन किया।

रांची। अंग्रेजों से लोहा लेने वाले शहीद वीर बुधु भगत को उनके शहादत दिवस पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनकी त्सवीर पर फूल चढ़ा कर नमन किया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अमर शहीद वीर बुधु भगत की तस्वीर पर पुष्पांजलि देकर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किये। मुख्यमंत्री ने कांके रोड रांची स्थित मुख्यमंत्री आवास में आज शहीद वीर बुधु भगत के शहादत दिवस पर उनकी तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया।

मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि देश की आजादी में अमर शहीद वीर बुधु भगत का योगदान अतुलनीय है। हम सभी झारखंड वासियों को उन पर गर्व है। वीर बुधु भगत की शहादत हमें उनके आदर्शों एवं अपनी माटी के प्रति सच्ची निष्ठा निभाने के लिए प्रेरित करती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 1857 की क्रांति से पहले वर्ष 1831-32 में अंग्रेजों के विरुद्ध झारखंड के वीर सपूत बुधु भगत ने विद्रोह किया था। वह अंग्रेजों के खिलाफ आवाज बने। शहीद वीर बुधु भगत ने लोगों को आजादी की लड़ाई के लिए हौसला देने का काम किया।

- Advertisement -

मुख्यमंत्री ने कहा कि वे जानते थे कि अपना शासन और संस्कृति बचाए रखना है तो हर हाल में अंग्रेजों को देश से भगाना होगा। शहीद वीर बुधु भगत सभी जाति व धर्मों के लोगों को संगठित कर अंग्रेजों से लड़े और शहीद हो गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद वीर बुधु भगत का पूरा जीवन समाज के उत्थान लिए समर्पित था। उनके आदर्श आज भी युवा वर्ग को प्रेरणा देते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम उनके दिखाए रास्ते और आदर्श पर चलकर ही खुशहाल और समृद्ध झारखंड की परिकल्पना को पूरा कर सकेंगे।

इतिहास गवाह कि बुधु भगत को पकड़ने के लिए सन् 1832 में आंग्रेजों ने 1000 रुपये का इनाम रखा था। अंग्रेज उनके नाम से ही थर-थर कांपते थे। लोहरदहा रोड पर चान्हो चौक के पास सिलागाई गांव में बुधु भगत का जन्म हुआ था। 1820 से ही बुधु भगत ने अंग्रेजों को तबाह करना शुरू कर दिया था। 13 फरवरी 1832 को वह वीरगति को प्राप्त हुए।

यह भी पढ़ेंः टाना भगत समुदाय को हर साल वस्त्र के लिए 2 हजार मिलेंगे(Opens in a new browser tab)

- Advertisement -