लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मनरेगा मजदूरों के खाते में 611 करोड़ रुपये जमा किये हैं। इससे राज्य के 27.5 लाख मजदूरों को फायदा हुआ है। कोविड-19 (कोरोना वायरस) को लेकर देश में लॉक डाउन के कारण मजदूरों का काम बंद है और उनके सामने दो जून की रोटी का संकट पैदा हो गया है। संकट की इस घड़ी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मनरेगा मजदूरों के खाते में सीधे रकम ट्रांसफर कर आर्थिक मदद करने का फैसला किया है।
इससे पहले केंद्र सरकार ने मनरेगा के मजदूरों की मजदूरी को 182 रुपये से बढ़ाकर 202 रुपये करने का ऐलान किया था। योगी सरकार ने बढ़ी दर पर मजदूरी की रकम मजदूरों के खाते में जमा करायी है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री यी आदित्यनाथ की सरकार ने 20 लाख दिहाड़ी मजदूरों को भी एक-एक हजार रुपये की सहायता राशि दी थी।
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मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि अन्त्योदय योजना, मनरेगा और श्रम विभाग में पंजीकृत करीब 1 करोड़ 65 लाख 31 हजार मजदूरों को राज्य सरकार एक महीने का मुफ्त राशन देगी। इन परिवारों को दिये जाने वाले राशन की सामग्री में 20 किलो गेहूं, 15 किलो चावल होगा। इसके अलावा पेंशन का पाने वाले 83.83 लाख लोगों को भी राज्य सरकार दो महीने की अग्रिम पेंशन राशि दे रही है।
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने रविवार को 1.63 लाख पार्टी कार्यकर्ताओं से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की थी। उस वक्त उन्होंने कहा था कि भाजपा के सभी कार्यकर्ता प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के बारे में सोशल मीडिया के माध्यम सके लोगों को अवगत कराएं। इस पैकेज के माध्यम से 1.75 लाख करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कार्यकर्ताओं से अपील की कि कोविड-19 (कोरोना वायरस) की महामारी को ध्यान में रखते हुए लोगों को अधिक से अधिक आवश्यक सुविधाएं मुहैया करवाने में कार्यकर्ता मदद करें।
केंद्र सरकार ने महामारी के इस बुरे दौर में जन धन खाताधारक महिलाओं के एकाउंट में तीन महीने तक 500-500 रुपये डालने का फैसला किया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया था कि कुल जन धन खाताधारकों में तकरीबन 53 फीसदी खाते महिलाओं के हैं। यानी 20 करोड़ ऐसी महिलाओं को इस रकम का फायदा होगा।
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