- समस्तीपुर में मनोरमा भवन में एनजीओ के सारे सामान की कुर्की
- मनोरमा भवन पर सासंद, विधायक और मंत्री आते-जाते रहते थे
समस्तीपुर (प्रमोद प्रभाकर)। बालिका गृह संचालक ब्रजेश ठाकुर की मुसीबत कमने के बजाय और बढ़ती ही जा रही है। समस्तीपुर में उनके नेतृत्व में एनजीओ संचालन केे मद में सरकार की ओर दिये गयेे 8 लाख 14 हजार रुपये को वापस ले लिया गया है। साथ ही एनजीओ भवन की कुर्की जब्ती भी मंगलवार को कर ली गयी।
जिलाधिकारी चन्द्रशेखर प्रसाद सिंह के आदेश पर ब्रजेश ठाकुर की देखरेख में चलने वाले मनोरमा भवन शुक्रवार को अधिकारियों और पुलिस से छावनी में तबदील हो गयी। सरकारी अमला वहां छापेमारी के लिए पहुंचा था। छापेमारी में एनजीओ मनोरमा भवन से विनोद चौधरी, कबीर राय सहित एक महिला को गिरफ्तार किया गया है। इस मौके पर अपर समाहर्ता मोना झा, डीडीसी वरुण मिश्रा और एसडीओ अशोक मंडल पुलिस बल के साथ छापेमारी में शामिल थे।
छापेमारी के दौरान डीडीसी मनोज मिश्रा ने बताया कि मनोरमा भवन ब्रजेश ठाकुर की मां के नाम से है। यहां समाज कल्याण विभाग समाजिक सुरक्षा एंव निशक्त वृद्धाश्रम निदेशालय आदर्श महिला शिल्प केन्द्र चलता है। इस मनोरमा भवन पर सासंद, विधायक और मंत्री का आना-जाना लगा रहताा था। सूत्रों की मानें तो मनोरमा भवन से महिला और लड़की के गायब होने की जानकारी मिलने के बाद छापेमारी की गयी।
यहां एनजीओ से संबंधित जो भी सामान है, उसे जब्त कर आगे भी कार्रवाई चलती रहेगी। प्रशासिनिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीती रात मनोरमा भवन की सीबीआई द्वारा गुप्त रूप से जांच की गयी। सूत्रों ने बताया कि ब्रजेश ठाकुर के यहां पर लगभग आधा दर्जन एनजीओ चलते हैं और सभी एनजीओ की खोज चल रही है। जांच जैसे-जैसे आगे बढेगी, ब्रजेश ठाकुर की मुसीबत और बढ़ती जायेगी। सूत्रों ने यह भी बताया कि यहां एनजीओ के अलावा प्रातः कमल अखबार का भी कार्यालय का काम चलता था। घटना के बाद यहां अखबार का काम बंद कर दिया गया है। इस मनोरमा भवन पर सासंद, विधायक और मंत्री का आना-जाना लगा रहताा था। सूत्रों की मानें तो मनोरमा भवन से महिला और लड़की के गायब होने की बात सामने आयी है।
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