ऑटो सेक्टर में जीएसटी टैक्स घटाने के अधिकांश राज्य तैयार नहीं है
पटना : बंगलुरू में आयोजित जीएसटी-आईटी कमिटी की बैठक के बाद कमिटी के चेयरमैन और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ऑटो सेक्टर में जीएसटी के अन्तर्गत लगने वाले 28 प्रतिशत टैक्स को घटा कर 18 प्रतिशत करने पर अधिकांश राज्य तैयार नहीं है। कर संग्रह की वर्तमान स्थिति में टैक्स घटाने से करीब 45 हजार करोड़ के राजस्व की क्षति का अनुमान है। उन्होंने कहा कि 24 सितम्बर से रिफंड का भुगतान इलेक्ट्राॅनिक माध्यम से सीधे करदाताओं के खाते में किए जायेंगे। इसके अलावा 01 जनवरी, 2020 से जीएसटी के अन्तर्गत निबंधन के लिए आधार नम्बर को अनिवार्य करने के साथ नया रिटर्न जिसे काफी सरल कर दिया गया है को लागू किया जायेगा।
मोदी ने बताया कि पहले की व्यवस्था में रिफंड का भुगतान केन्द्र और राज्य अलग-अलग करते थे जिसके कारण रिफंड लेने वालों को विलम्ब के कारण परेशानी होती थी तथा पारदर्शिता का भी अभाव रहता था। अब एक ही जगह से रिफंड स्वीकृत होगा और इलेक्ट्राॅनिक माध्यम से सीधे करदाताओं के खाते में भुगतान किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पहले जहां जीएसटी के अन्तर्गत बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी कर बिना किसी कारोबार के भी अनेक लोग निबंधन करा कर करोड़ों की हेराफेरी कर रहे थे, उन पर नकेल कसने के लिए अब 01 जनवरी, 2020 से निबंधन के लिए आधार संख्या को अनिवार्य कर दिया गया है। पहले से निबंधित डीलरों के लिए भी आधार संख्या देना अनिवार्य होगा।
इसी प्रकार डीलरों को अब पहली जनवरी, 2020 से नए रिटर्न दाखिल करना होगा जिसे काफी सरल कर दिया गया है। नए रिटर्न का प्रारूप सार्वजनिक कर दिया गया है जो पूर्व की अपेक्षाकृत काफी सरल है। अगले 3 महीने तक उसे भरने के लिए करदाताओं को प्रशिक्षित किया जायेगा।