पटना। कांग्रेस अध्यक्ष ने वित्त रहित शिक्षकों, नियोजित शिक्षकों व मदरसा एवं संस्कृत के शिक्षकों के समक्ष जीवन-मरण की स्थिति पर चंता जतायी है। बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा. मदन मोहन झा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस बारे में पत्र लिखकर कोरोना संक्रमण को लेकर किए गए लॉक डाउन एवं आपदा स्थिति के मद्देनजर प्रदेश के वित्त रहित शिक्षकों, नियोजित शिक्षकों तथा मदरसा एवं संस्कृत के शिक्षकों के समक्ष खड़े जीवन-मरण की स्थिति की ओर ध्यान आकृष्ट कराया है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा है कि आज पूरा देश कोरोना वायरस जैसे जटिल समस्याओं एवं आपदाओं से गुजर रहा है। दूसरी तरफ इस समय प्रदेश के शिक्षकों के तरफ भी सरकार का ध्यान आकृष्ट करना आवश्यक है। उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा है कि इस लॉक डाउन की वजह से शिक्षकों के समक्ष भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है।
भयानक आर्थिक तंगी का सामना कर रहे वित्त रहित एवं नियोजित शिक्षकों, साथ ही संस्कृत तथा मदरसा शिक्षकों की स्थिति विवशता के चरम पर है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि ये शिक्षक इसी राज्य के नागरिक हैं, अतः इस आपात स्थिति के समय राज्य सरकार का दायित्व बनता है कि इनके जीवन की रक्षा करने के प्रति सजग हो।
उन्होंने कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से जानता हूं कि वित्त रहित शिक्षकों, नियोजित शिक्षकों तथा मदरसा एवं संस्कृत के शिक्षकों का मासिक वेतन-अनुदान की राशि कई महीनों एवं कई वर्षों से लंबित है। अभी वर्तमान प्रतिकूल समय को देखते हुए कोरोना के कारण किए गए लॉक डाउन को देखते हुए उन शिक्षकों की पीड़ा को समझते हुए राज्य सरकार से मेरा यह आग्रह है कि अविलंब इन शिक्षकों का लंबित बकाया एवं अनुदान का भुगतान सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने इस विषय पर मुख्यमंत्री से मानवीय आधार पर यथाशीघ्र पहल करने की मांग की है।