कांग्रेस के लिए कोरोना बहाना है, हम पब्लिक की सोचते हैंः नंद किशोर

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बसंत में भी कांग्रेस में पतझड़-भगदड़ की स्थिति है। यह कहना है नंद किशोर यादव का
बसंत में भी कांग्रेस में पतझड़-भगदड़ की स्थिति है। यह कहना है नंद किशोर यादव का

पटना। कांग्रेस के लिए कोरोना एक बहाना है। दरअसल वह खोयी विरासत हासिल करने के लिए बेचैन है। मोदी सरकार पब्लिक की सोचती है। पब्लिसिटी उसके एजेंडे में नहीं। विरासत बचाने के लिए कांग्रेस ने कोरोना का बहाना बनाया है। यह कहना है बिहार के पथ निर्माण मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता नंद किशोर यादव का। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के साथ सोनिया की बैठक कई सवाल खड़े करती है। कांग्रेस के लिए कोरोना तो एक बहाना है, दरअसल महारानी को अपनी विरासत को बचाना है। क्योंकि कांग्रेस विपक्षी कुनबे में अलग-थलग पड़ती जा रही है।

श्री यादव ने कहा कि ‘ये मुंह और मसूर की दाल’। कांग्रेस की महारानी किस मुंह से नीतियों की बात कर रही हैं। जिस पार्टी की सरकार का पूरा कार्यकाल घोटालों में बीता। बोफोर्स घोटाला (1986), तेलगी घोटाला (2002), 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला (2008), सत्यम घोटाला (2009),  कॉमनवेल्थ घोटाला (2010),  शारदा घोटाला (2013) गिनते-गिनते अंगुलियां थक जाएंगी, लेकिन कांग्रेस के घोटाले खत्म नहीं होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया में भारत का सम्मान बढ़ाया है। कोई देश आज भारत को आंख नहीं दिखा सकता। मोदी सरकार में एक रुपया का घोटाला नहीं हुआ। क्या ये सब कांग्रेस की महारानी को नहीं दिखता।

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विपक्षी दलों के नेताओं के साथ हुए वीडियो कान्फ्रेंसिंग में कथित दिशा निर्देश की आलोचना करते हुए यादव ने कहा कि महारानी जी, देश की अर्थव्यवस्था की चिंता न करें। प्रधानमंत्री जी के कुशल नेतृत्व में देश निरंतर प्रगति के मार्ग पर अग्रसर है। कोरोना संकट में भारत ने जो सूझ-बूझ दिखायी है, उसकी प्रशंसा चहुंओर हो रही है। संयुक्त राष्ट्र ने भी कोरोना संकट में भारत के कार्यों को सराहा है। सरकार की प्राथमिकता में पब्लिक है, पब्लिसिटी नहीं।

यादव ने कहा कि पूरा देश एकजुटता के साथ पिछले दो महीने से कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहा है, फिर इतनी देर से मैडम की नींद क्यों खुली। दरअसल महारानी को यह चिंता सता रहीं है कि बीते लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों से तालमेल कर उन्होंने चुनाव लड़ा, उसके बावजूद नतीजे ऐसे आये कि कांग्रेस लोकसभा में विपक्षी दल की मान्यता भी प्राप्त नहीं कर सकी। महागठबंधन में शामिल अन्य दलों ने कांग्रेस को अकेला छोड़ दिया तो आने वाले चुनावों में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल पायेगा।

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कांग्रेस अलाकमान को यही चिंता सताये जा रहीं है। जब कांग्रेस के युवराज भी महारानी की नहीं सुनते तो दूसरे दलों के नेता इनकी कितनी सुनेंगे, चिंता की बात है। यादव ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान पीड़ित मानवता की सेवा करने में समूचे विपक्ष का चाल, चरित्र और चेहरा जनता के सामने उजागर हो चुका है, इसलिए विधानसभा चुनाव नजदीक आते देख सोनिया ने एकजुटता का नया पासा फेंका है, जिसमें उन्हें सफलता कतई नहीं मिलेगी।

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