पटना। कृषि कानून के विरोध में RJD की मानव श्रृंखला पर BJP ने पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी और पूर्व मंत्री नंद किशोर यादव ने एतराज जताया है। सुशील कुमार मोदी ने कहा कि विपक्ष गणतंत्र दिवस पर हिंसा कराने वालों के साथ है, लेकिन जनता ने ऐसे तत्वों से किनारा कर लिया है। RJD की मानव श्रृंखला और राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करना संसद का अपमान है।
मोदी ने ट्वीट कर कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से असहमति और विरोध प्रकट करने की अनुमति देने के लिए गणतंत्र की महिमा है, लेकिन भारत के 72 वें गणतंत्र दिवस पर कृषि कानून के विरोध में उत्पात और हिंसा करने वालों ने गणतंत्र की उदारता को ही इस पर हमले का हथियार बनाकर अपना असली खूनी चेहरा दिखाया। जनता में अब कथित किसान संगठनों और उनके समर्थक दलों के प्रति काफी गुस्सा है। दिल्ली-जयपुर हाइवे को खाली कराया जा चुका है। कुछ संगठनों ने आंदोलन से किनारा कर लिया है। इसके बावजूद बिहार में मानव श्रृंखला बनाने की RJD की जिद दुर्भाग्यपूर्ण है। असली किसान एनडीए के साथ हैं।
कांग्रेस सहित 16 विपक्षी दलों ने पुलिसकर्मियों पर ट्रैक्टर और तलवार से हमला करने वाले पंजाब-हरियाणा के उत्पातियों की न कड़े शब्दों में निंदा की, न हिंसक हुए आंदोलन से अपना समर्थन वापस लिया। लेकिन उनके पक्ष में दिखने के लिए इन दलों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने की घोषणा अवश्य कर दी। विपक्ष का यह फैसला अराजकता और हिंसा का नैतिक समर्थन करने जैसा है। जब राहुल गांधी राष्ट्रपति को किसानों के फर्जी हस्ताक्षरों वाला ज्ञापन सौंप सकते हैं, तो वे कुछ भी कर सकते हैं। देश उन्हें गंभीरता से नहीं लेता।
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मानव श्रृंखला को नहीं मिलेगा जन समर्थनः नंद किशोर यादव
बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री नंद किशोर यादव ने कहा कि कृषि कानून के विरोध में 30 जनवरी को फ्लॉप शो साबित होगी मानव श्रृंखला। बिना अक्ल का नकल विपक्षी दल के लिये नुकसानदेह साबित होगा। यादव ने विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा है कि नकल के लिए भी अकल की जरूरत होती है। लेकिन, राज्य के एक बड़े क्षेत्रीय दल के नेताओं की मांग भी ‘लालटेन‘ की रोशनी की तरह मद्धिम है।
श्री यादव ने आज यहां कहा कि 30 जनवरी को मानव श्रृंखला बनाकर ये क्या संदेश देना चाहते हैं। ये लोग किसके समर्थन के लिए आम जनता को उकसा रहे हैं। उन उपद्रवी तत्वों को समर्थन, जिसने ऐतिहासिक लालकिले में तोड़फोड़ की। जिसने गणतंत्र दिवस जैसे गौरवशाली दिवस की गरिमा धूमिल करने की कोशिश की। असल में विपक्षी दल के नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नकल करने की कोशिश में हैं। लेकिन, नकल करने के लिए भी अक्ल की जरूरत होती है। बिना अक्ल का नकल करने पर बड़ा नुकसान भी हो सकता है। बिहार में बनायी गयी मानव श्रृंखला, जिसने विश्व कीर्तिमान स्थापित किया, उसके सकारात्मक संदेश थे।
वर्ष 2017 में नशामुक्ति को लेकर बनी मानव श्रृंखला 11,292 किमी थी। इसमें 3.5 करोड़ लोगों ने भाग लिया था। वर्ष 2018 में बाल-विवाह और दहेज प्रथा के उन्मूलन के लिए बनी श्रृंखला 14 हजार किमी थी। वहीं, 2020 में जल-जीवन-हरियाली अभियान समेत अन्य सामाजिक मुद्दों पर करीब 18 हजार किलोमीटर मानव श्रृंखला बनाकर इतिहास रच दिया। इसमें पांच करोड़ लोग शामिल हुए। श्री यादव ने कहा कि 30 जनवरी को विघटनकारी तत्वों के समर्थन में आयोजित होनेवाली मानव श्रृंखला पूरी तरह फ्लाप हो जायेगी। उसे जनता का समर्थन प्राप्त नहीं होगा।
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