पटना। केंद्र सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलेरेंस की नीति पर अडिग है। पिछले चार वर्षों में देश के लाखों करोड़ रुपये के काले धन को उजागर करने का श्रेय केंद्र की भाजपानीत सरकार को जाता है। ये बातें भाजपा के बिहार प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधायक राजीव रंजन कहीं।
उन्होंने कहा कि हमारे देश की सबसे बड़ी समस्या भ्रष्टाचार के खिलाफ केंद्र सरकार पिछले चार वर्षों में काफी कड़े कदम उठाए हैं, जिनके अपेक्षित परिणाम आज देखने को मिल रहे हैं। आज देश में भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ चौतरफा वार हो रहा है, जिससे भ्रष्टाचारियों के मन में एक डर सा बैठ गया है। केंद्र के प्रयासों से पिछले चार वर्षों में सिर्फ देश से ही तकरीबन 1.14 लाख करोड़ रु के काले धन का खुलासा हुआ है।
सरकार की स्वैच्छिक आय घोषणा योजना (IDS) और काला धन एवं टैक्स आरोपण एक्ट (BMIT Act) के तहत कुल 69,350 करोड़ रुपये की वसूली हुई है। BMIT एक्ट को सरकार ने 2015 में लागू किया था। इसके तहत विदेश में संपत्ति रखने वाले लोगों को एक बार में एकमुश्त टैक्स देकर अपने काला धन को सफेद करने का मौका मिला था।
1 जुलाई से 30 सितंबर 2015 के ही दौरान इस योजना के तहत करीब 650 लोगों ने विदेशी बैंकों में जमा अपनी कुल 4,100 करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा किया। इसके अलावा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKY) के तहत लगभग 5,000 करोड़ रुपये और आए हैं। आयकर खोज और सर्वेक्षण संचालन के तहत 35,460 करोड़ रुपये और PMJKY के तहत 4900 करोड़ रुपयों का खुलासा हुआ है, वहीं बेनामी संपति लेनदेन (निषेध) अधिनियम के तहत अभी तक 4300 करोड़ रुपयों का पता चल चुका है।
इसके अलावा बेनामी संपत्तियों के खिलाफ मास्टर स्ट्रोक खेलते हुए केंद्र सरकार ने बेनामी संपत्ति बताने पर एक करोड़ के इनाम की घोषणा कर दी है, जिससे भविष्य में और भी खुलासे होना तय हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ केंद्र की सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि इन चार वर्षों में सरकार या मंत्रियों पर भ्रष्टाचार का एक छोटा-सा भी आरोप तक नही लगा, जबकि पहले कांग्रेस के राज में यह आम बात थी।
श्री रंजन ने आगे कहा कि आज देश में व्याप्त भ्रष्टाचार पूरी तरह से कांग्रेस की देन है। आजादी के तुरंत बाद 1948 में हुए जीप घोटाले से शुरू हुए इनके घोटाले ने इनके पिछले राज में 12.5 लाख करोड़ तक पंहुच गए, जो एक विश्व रिकॉर्ड की तरह है। आज भी जो खुलासे हो रहे हैं, उनके तार कहीं न कहीं कांग्रेसियों से जाकर जुड़ जाते हैं। आज इन्होंने ऐसी स्थिति पैदा कर दी है कि कांग्रेस शब्द ही घोटाले का पर्यायवाची-सा बन गया है, लेकिन फिर भी इनके नेता अपने भ्रष्टाचार पर शर्मिंदा होने की बजाए ढिठाई से दूसरों पर आरोप लगाते हैं। कांग्रेस के नेता यह जान लें कि वह कितना भी भ्रष्टाचारियों के समर्थन में दुष्प्रचार कर ले, लेकिन भाजपा की सरकार में कोई नही बचने वाले हैं।
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