रांची। झारखंड में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति व पिछड़े वर्ग के युवाओं को अपना व्यापार शुरू करने के लिए ऋण लेने में दिक्कत आ रही है। सरकार ने इसके लिए विभिन्न वर्गों के लिए वित्त निगम का गठन किया है, जो उन्हें काम के लिए ऋण प्रदान करता है, लेकिन इसकी जानकारी सभी को नहीं है। इस संबंध में जागरूकता फैलाने की जरूरत है। इसके लिए कल्याण विभाग कैंप लगाकर ऋण का वितरण करे। इससे इस योजना का प्रचार प्रसार हो सकेगा।* उक्त निर्देश मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने अधिकारियों को दिये। वे झारखंड मंत्रालय में उच्चस्तरीय बैठक कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि हर वर्ग के लोगों का जीवन स्तर ऊंचा उठे। युवा अपना व्यापार करना चाहते हैं। लेकिन वित्तीय सहायता नहीं मिलने के कारण सफल नहीं हो पाते हैं। वित्तीय मदद मिलने से उन्हें व्यापार शुरू करने में आसानी होगी। साथ ही वे कई लोगों को रोजगार भी दे सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी, जनजाति व पिछड़ा वर्ग के युवाओं को बैंक लोन देने के लिए दौड़ाते हैं। ऐसे युवाओं के लिए सरकार सहारा है। इसी को देखते हुए वित्त निगम का गठन किया गया। लेकिन वे इसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं। जरूरत होगी, तो सरकार निगम को और बजट देगी। पूंजी के अभाव में कोई युवा बेरोजगार न रहे, यह हमारा प्रयास है। गरीब-आदिवासी लोन चुकाते हैं। उनके लिए स्वाभिमान से बड़ा कुछ नहीं है। इसलिए पैसे वापसी की चिंता नहीं करें। राज्य में इनके नाम पर केवल राजनीति होती रही है। लेकिन इनकी सुध किसी ने नहीं ली। सरकार इन युवाओं के अपने पैर पर खड़े होने में मदद करेगी।
बैठक में मुख्य सचिव श्री सुधीर त्रिपाठी, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री सुनील कुमार वर्णवाल और कल्याण सचिव श्रीमती हिमानी पांडेय उपस्थित थीं।