कोरोना वायरस के कारण कैदियों को पैरोल पर छोड़ने का था निर्देश
रांची। कोरोना के चलते लालू प्रसाद अभी जेल में ही रहेंगे। उनके बाहर आने की उम्मीद फिलहाल खत्म हो गयी है। उनकी पैरोल पर रिहाई की उम्मीद थी। सुप्रीम कोर्ट ने वैसे कैदियों को रिहा करने के लिए स्टेट लेवल कमेटी बनायी थी। कमेटी को जेलों की स्थिति का अध्ययन और कोरोना के मामलों का आकलन कर यह रिपोर्ट देनी थी कि किन-किन कैदियों को पैरोल पर जेल से बाहर किया जा सकता है। कमेटी ने पाया कि झारखंड में कोरोला के अभी कन्फर्म मामले नहीं मिले हैं, इसलिए कैदियों को रिहा करने की जरूरत नहीं है।
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पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जेलों में तकरीबन 62 फीसदी अंडर ट्रायल कैदा हैं। कोरोना वायरस का कहर चूंकि वैश्विक हो गया है, इसलिए कुछ कैदियों को खास कर वैसे अंडर ट्रायल कैदियों को पैरोल पर रिहा किया जाये, जो सात साल से जेलों में बंद हैं।
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सुकून की खबर यह है कि झारखंड में अभी तक कोरोना पाजीटिव कोई मामला नहीं आया है। राज्य के 17 जिलों में 31403 लोग अभी क्वारेंटाइन में हैं। इनमें 137 लोगों का कोराना टेस्ट किया गया है, लेकिन कोई भी मरीज पाजीटिव नहीं पाया गया है।
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झारखंड सरकार पूरी चौकसी बरत रही है। लोगों को घर में रहने की सलाह के साथ उनकी जरूरत की तमाम चीजें घर तक मुहैया कराने का सरकार ने इंतजाम किया है। दवा से लेकर खाद्यान्न और दूध-सब्जी तक की होम डिलीवरी की व्यवस्था की गयी है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लगातार समीक्षा बैठक कर हालात पर नजर बनाये हुए हैं। मुख्यमंत्री ने संदिग्ध मरीजों को सलाह दी है कि वे होम क्वारेंटाइन के बजाय सरकारी क्वारेंटाइन में रहें।
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