कोरोना महामारी के मद्देनजर झारखंड सरकार का बड़ा फैसला

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कोरोना वायरस से बचाव के लिए एहतियाती कदम के तहत झारखंड सरकार ने तंबाकू सेवन पर तुरंत प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। यह कोरोना फैलाव का एक कारक है।
कोरोना वायरस से बचाव के लिए एहतियाती कदम के तहत झारखंड सरकार ने तंबाकू सेवन पर तुरंत प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। यह कोरोना फैलाव का एक कारक है।
  • राज्य में पान मसाला, खैनी, हुक्का व सुपारी सहित सभी तरह के तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर लगा पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया
  • सरकारी, गैर सरकारी कार्यालय, स्वास्थ्य संस्थान, शैक्षणिक संस्थान, थाना परिसर व सार्वजनिक स्थल तम्बाकू मुक्त क्षेत्र घोषित
  • स्वाथ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रधान सचिव ने जारी किया प्रतिबंध का आदेश, अमल तुरंत प्रभाव से लागू
  • अगर कोई आदमी तम्बाकू-गुटखा खाकर सार्वजनिक जगहों पर थूकते हुए पकड़ा गया तो उसे होगी 6 महीने की जेल की सजा
  • खैनी और गुटका खाकर यत्र-तत्र थूकने से कोरोना वायरस के फैलने के गंभीर खतरे को ध्यान में रख कर सरकार ने लिया फैसला
  • सूबे के सभी 24 जिलों के उपायुक्तों ने अपने इलाकों में तम्बाकू खाकर थूकने पर पहले से ही लगाया हुआ है प्रतिबंध

रांची : कोरोना वायरस से बचाव के लिए एहतियाती कदम के तहत झारखंड सरकार ने तंबाकू सेवन पर तुरंत प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। यह कोरोना फैलाव का एक कारक है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रधान सचिव डा. नितिन मदन कुलकर्णी ने एक आदेश जारी करते हुए पूरे राज्य में सार्वजानिक जगहों पर सभी तरह के तम्बाकू उत्पादों यथा सिगरेट, बीड़ी, पान  मसाला, हुक्का, खैनी, जर्दा, गुटका और  इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट  के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाते हुए तमाम तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर भी तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। कुलकर्णी ने बताया कि पान  मसाला, खैनी, जर्दा और गुटका खाकर यत्र तत्र थूकने से कोरोना वायरस फैलने का खतरा बढ़ता है।  अतः सार्वजानिक जगहों पर तम्बाकू पदार्थों के सेवन पर प्रतिबन्ध लगाया गया है।

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव कुलकर्णी ने बताया कि तम्बाकू का सेवन जन स्वास्थ्य के लिए बड़े खतरों में से एक माना जाता है। थूकना एक सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरा है और संचारी रोग के फैलने का एक प्रमुख कारण भी है। तंबाकू सेवन करने वालों की प्रवृति यत्र-तत्र थूकने की होती है। थूकने के कारण कई गंभीर बीमारियां यथा कोरोना, इंसेफलाइटिस, यक्ष्मा, स्वाइन फ्लू आदि का संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहती है।

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सभी जिलों के उपायुक्तों एवं पुलिस अधीक्षकों को इस आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराने एवं उल्लंघन करने पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया  है। साथ ही सभी सरकारी/ गैर सरकारी परिसरों में उक्त आशय का बोर्ड लगवाने के निर्देश दिया गया है। इसका पालन सुनिश्चित कराने के लिए सख्ती और पूरी चौकसी बरती जाएगी।

झारखंड में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के आलोक में झारखंड के सभी 24 जिलों के उपायुक्तों द्वारा पूर्व में ही अपने-अपने जिलों में सभी सरकारी/ गैर सरकारी कार्यालयों एवं परिसर में तम्बाकू सेवन पर प्रतिबंध लगते हुए तम्बाकू मुक्त क्षेत्र  घोषित किया जा चुका है।

विदित हो कि कोरोना संक्रमण को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने महामारी घोषित कर दिया है। इससे बचाव के लिए झारखंड सहित पूरे देश में जहां लॉक डाउन किया गया है, वहीं कई तरह के दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं।

झारखंड में तम्बाकू नियंत्रण हेतु राज्य सरकार  का तकनीकी सहयोग संस्थान सोशियो इकोनॉमिक एंड एजुकेशनल डेवलोपमेन्ट सोसाइटी (सीड्स) के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्र ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्गत आदेश का स्वागत किया है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि इससे राज्य में तम्बाकू सेवन में कमी आएगी। साथ ही कोरोना जैसी महामारी फैलने का खतरा भी कम होगा।

श्री मिश्र ने बताया कि हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संघठन और भारत सरकार द्वारा प्रकाशित GATS 2 के सर्वे में झारखंड में तम्बाकू सेवन करने वालों में कमी आई है। यह आंकड़ा विगत  7-8 साल में 50.1% से घट कर 38.9% हो गया है। इसमें चबानेवाले तम्बाकू का सेवन करने वालों का प्रतिशत 34.5% है। अभी जिलों में उक्त आदेश का अनुपालन होने से राज्य में तम्बाकू सेवन के प्रतिशत में और कमी आएगी।

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