झारखंड में कोरोना वायरस से संक्रमित एक भी मामला नहीं
पटना/ रांची। कोरोना वायरस से निपटने के लिए केंद्र, राज्य सरकारों और समाज ने पूरी ताकत झोंक दी है। इधर झारखंड में अभी तक कोरोन वायरस का एक भी पाजीटिव केस नहीं मिला है। सबने यह मान लिया है कि कोरोना से निपटने के लिए के लिए 21 दिन अहम हैं। लाकडाउन का सबसे बड़ा फायदा यह हुआ है कि अपराध पर अंकुश लग गया है। सड़क दुर्घटनाएं नहीं हो रही है। वातावरण प्रदूषण मुक्त हो गया है। अगर 21 दिनों में लोगप लाकडाउन का पूरी तरह पालन करते हैं, साफ-सफाई पर पूरा ध्यान रखते हैं, तो कोरोना से बचाव करना बहुत आसान हो जाएगा।
खाने-पीने की सामग्री की कोई कमी नहीं हैं। किराना और दूध की दुकानें खुली रहेंगी, इसलिए जमाखोरी की होड़ न लगाएं। जितने की जरूरत हो, उतनी ही खाद्य सामग्री खरीदें। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। राज्य सरकारों ने अपने स्तर से ऐसी व्यवस्था कर दी है कि बिना भीड़ लगाये, सामान सुगमता से लोगों को मिल सके।
प्रधानमंत्री ने अपनी अपील में सोशल डिस्टेंस’ की बात कही थी। इसका प्रत्यक्ष नमूना बुधवार को दिल्ली में देखने को मिला। बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में सभी सहयोगी आमतौर पर राउंड टेबल में बैठे रहते हैं, लेकिन आज सभी मंत्री करीब एक-एक मीटर की दूरी पर कुर्सियों पर बैठे थे। बैठक में प्रधानमंत्री के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ आदि मौजूद थे।
बिहार में राशन कार्डधारी परिवारों को एक हजार रुपये मिलेंगे
कोरोना संक्रमण को देखते हुए किये गये लाकडाउन के परिप्रेक्ष्य में आज राज्य सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया कि अब सभी राशन कार्डधारी परिवारों को एक हजार रुपये की राशि प्रति परिवार दी जायेगी। यह राशि डीबीटी के माध्यम से उनके खाते में अंतरित की जायेगी। विदित हो कि 23 मार्च को लाकडाउन क्षेत्र के सभी नगर निकाय क्षेत्रों एवं प्रखंड मुख्यालय की पंचायतों में अवस्थित सभी राशन कार्डधारी परिवारों को एक हजार रूपये प्रति परिवार देने का निर्णय लिया गया था। परन्तु वर्तमान में लाकडाउन को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया कि अब सभी राशन कार्डधारी परिवारों को एक हजार रूपये की राशि प्रति परिवार दी जायेगी।
भाजपा विधायक एक माह का वेतन व मंत्री एक लाख देंगे
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने अपने सरकारी आवास स्थित कार्यालय से स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय के साथ भाजपा के सभी विधायकों व विधान पार्षदों को आडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए कहा कि सभी अपने-अपने क्षेत्रों में यह सुनिश्चित करें कि खाद्य सामग्री, साग-सब्जी, दवा, दूघ आदि की किल्लत न हो तथा कोई इन्हें जमाखोरी कर अधिक कीमत पर नहीं बेचें। कोरोना से उत्पन्न चुनौतियों के मुकाबले के लिए भाजपा के सभी विधायक व विधान पार्षद एक महीने के वेतन व मंत्री एक-एक लाख रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष में देंगे।
श्री मोदी ने सभी सदस्यों को प्रतिदिन कम से कम 100 लोगों से मोबाइल/ फोन से बातें कर फीडबैक लेने, कोरोना वायरस से बचने की सावधानियां बताने व आम लोगों से जुड़ी परेशानियों से अधिकारियों को अवगत करा उसे दूर करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि विधायक लोगों को समझाएं कि खाद्य सामग्री, साग-सब्जी, दवा आदि की कोई किल्लत नहीं है, इसलिए भयभीत होकर अनावश्यक खरीदारी न करें। लाकडाउन में आवश्यक सामग्रियों की सतत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
सभी विधायक व विधान पार्षद आम लोगों को सचेत करें कि सोशल मीडिया पर आने वाली फेक न्यूज से सावधान रहें और बिना जांचे-परखे उसे दूसरों को प्रेषित न करें। संचार माध्यमों के जरिए चिकित्सकों व विशेषज्ञों के सुझाव को ही अधिकृत मानें। अन्य राज्यों व देश के बाहर से ग्रामीण क्षेत्रों में आए लोग अपने घरों में अलग-थलग रहें या मुखिया से सम्पर्क कर उन्हें पंचायत भवन या स्कूल में अलग रखने की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
एनएमसीएच बना कोरोना के लिए नोडल अस्पताल
कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिन का जो लाकडाउन घोषित किया, उसका बिहार में पूरी एकजुटता से पालन किया जा रहा है। बिहार पहला राज्य है, जिसने 600 बेड वाले नालंदा मेडिकल कालेज अस्पताल को कोरोना मामलों के लिए नोडल अस्पताल घोषित किया। सरकार संदिग्ध मरीजों की जांच, बचाव, सफाई और इलाज के साथ-साथ जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने में लगी है।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय कैबिनेट ने देश के 80 करोड़ लोगों को प्रति व्यक्ति 7 किलो अनाज, जिसमें 2 एवं 3 रुपये प्रति किलो की दर से गेहूँ और चावल तीन महीने का एडवांस में देने का फैसला किया है। लाकडाउन के दौरान दैनिक मजदूरों, वेंडरों और आम गरीबों को खाद्य सामग्री की चिंता से मुक्त करने का जो फैसला किया गया है, उसके लिए प्रधानमंत्री का उन्होंने आभार जताया।
इसके साथ ही फौरी राहत के तौर पर राज्य सरकार द्वारा घोषित राशन कार्डधारियों को एक माह की राशन सामग्री, एक हजार रुपये, राज्य के 86 लाख पेंशनभोगियों को तीन महीने की अग्रिम पेंशन राशि, छात्रवृत्तियां आदि का ससमय उनके खातों में भुगतान भी सुनिश्चित करें।
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पटना के महावीर मंदिर ने कोरोना के लिए एक करोड़ रुपये दिये
महावीर मंदिर न्यास, पटना ने मुख्यमंत्री राहत कोष में १ करोड़ रुपए की सहयोग राशि कोरोना वायरस की विभीषिका को समूल नष्ट करने एवं ग़रीबों को भोजन सुलभ कराने की सरकारी योजना को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से दिया है। अतीत में भी मुज़फ्फरपुर ज़िले में बच्चों के बीच व्याप्त मस्तिष्क़ ज्वर के उपचार में महावीर मंदिर ने 12 लाख रुपये की दवा तथा ग्लूकोज़ ज़िलाधिकारी, मुज़फ़्फ़रपुर को दिया था। कोरोना वायरस के दमन तथा ग़रीबों को भोजन उपलब्ध कराने हेतु और भी कोई जवाबदेही मिलती है तो उसका पालन महावीर मंदिर न्यास सहर्ष एवं पूरी तत्परता के साथ करेगा।
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