पटना। कोरोना वायरस से दुनिया भर में 23 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं और लगभग 1 लाख 60 हजार मौत के क्रूर शिकार हो चुके हैं। भारत ने सूझ-बूझ से खुद को संभाल लिया। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि महाशक्ति अमेरिका में 38,244 और स्पेन में 20,043 नागरिकों की जान जा चुकी है। कई देशों में लाशें दफनाने के लिए जमीन कम पड़ गई।
दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सही समय पर 24 मार्च से लाक डाउन लागू करने का बड़ा फैसला कर भारत को कोरोना वायरस की इस महा आपदा से बहुत हद तक बचा लिया। 130 करोड़ के देश में केवल 507 लोगों को नहीं बचाया जा सका। 2230 देशवासी कोरोना को हराने में सफल हुए। एकजुट भारत ने जीवन बचाने की जो संकल्प शक्ति दिखायी, उसकी सराहना विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसी वैश्विक संस्थाएं कर रही हैं। उन्होंने कहा कि स्विट्जरलैंड ने 14,690 फीट ऊंचे आल्प्स पर्वत पर रोशनी के रंगों से तिरंगा बनाकर भारत का अभिनंदन किया। हमारी ताली-थाली की गूंज संसार सुन रहा है और एक साथ जले कोटि-कोटि दीयों का प्रकाश अल्प्स तक पहुँच चुका है।
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उन्होंने बताया कि लाकडाउन के दौरान सरकार ने फ्लिपकार्ट जैसी ई-कामर्स कंपनियों को केवल जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति करने की अनुमति दी है। टीवी, फ्रिज जैसे इलेक्ट्रानिक सामान बेचने के लिए इसका दुरुपयोग नहीं किया जा सकता। सरकार ने स्थानीय खुदरा व्यापारियों के हितों का पूरा ध्यान रखकर ही यह फैसला किया है। बिजली और इलेक्ट्रानिक उपकरणों को ठीक करने वाले मिस्त्री भी सोमवार से अपना काम शुरू कर सकेंगे।
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लाक डाउन के दौरान 20 अप्रैल से निजी और सरकारी सेक्टर के दो दर्जन से ज्यादा उद्योगों को काम शुरू करने की जो छूट दी जा रही है। उससे सड़क निर्माण और मैन्युफैक्चरिंग में लगे कामगारों को बड़ी राहत मिलेगी। जिन तीन हजार उद्योगों को कुछ शर्तों के साथ अनुमति दी गई है, उनमें 900 से ज्यादा ग्रामीण इलाकों में हैं। सिंचाई, हरियाली मिशन और मनरेगा से जुडे़ मजदूर भी काम पर जा सकेंगे। इसके लिए प्रशासनिक दिशा-निर्देश जारी किये गए हैं, ताकि किसी को बेवजह परेशान न होना पड़े।
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