कोविड-19 सैंपल कलेक्शन केंद्र झारखंड के चाईबासा में खुला

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झारखंड-बिहार में कोरोना पाजिटिव मरीजों का सिलसिला जारी है। बिहार में शनिवार को 5 नये मरीज मिले, जबकि झारखंड में 4 पाये गये। झारखंड में पाये गये मरीजों में चारों रांची के हैं।
झारखंड-बिहार में कोरोना पाजिटिव मरीजों का सिलसिला जारी है। बिहार में शनिवार को 5 नये मरीज मिले, जबकि झारखंड में 4 पाये गये। झारखंड में पाये गये मरीजों में चारों रांची के हैं।

रांची। कोविड-19 सैंपल कलेक्शन केंद्र झारखंड में पश्चिम सिंहभूम चाईबासा के सदर अस्पताल खोला गया है। सैंपल कलेक्शन में मदद मिलेगी। बूथ की लागत 15 से 20 हजार रुपये है।  इसे आसानी से सैंपल के कलेक्शन हेतु एक जगह से दूसरी जगह तक ले जाया जा सकता है। इससे स्वास्थ्य कर्मियों को लोगों तक जाकर  सैंपल लेने में आसानी होगी।

इस बूथ में सुरक्षा के सभी मानको का पूरा ध्यान रखा गया है। यह बिल्कुल एक फोन बूथ की तरह बनाया गया है, जो क्यूबिकल आकर का है। इस बूथ के जरिये किसी विशेष स्थान पर जाकर  सोशल डिस्टेंसिंग को बनाये रखते हुए लोगों के सैंपल लिए जा सकते हैं। इस तरह का प्रयोग कर समूह के सैंपल कलेक्शन द्वारा जर्मनी में भी टेस्टिंग किट पर होने वाले खर्चे को आधा किया जा चुका है। इस प्रणाली के माध्यम से कम समय और कम पैसे में अधिक से अधिक परीक्षण किए जा सकेंगे। इस प्रणाली की भारत सरकार के द्वारा भी सराहना की गई है।  यह कोरोना वायरस के खतरे से निपटने में मील का पत्थर साबित हो सकता है।

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फोन बूथ कोविड-19 सैंपल केंद्र से सैंपल कलेक्शन के लिए कोविड-19 के संदिग्ध, जिनका सैम्पल लिया जाना है, सोशल डिस्टेंसिंग में एक लाइन में खड़े हो जाते हैं। बूथ के केबिन के अंदर और बाहर माइक लगा होता है। इससे स्वास्थ्य कर्मचारी बोल कर अपना इंस्ट्रक्शन दे सकते हैं और  संदिग्ध भी स्वास्थ्य कर्मचारी से बात कर सकते हैं।  इसमें लगे दो बड़े ग्लव्स की सहायता से वे संदिग्ध की मदद भी कर सकते हैं। वीटीएम किट में सैंपल लेने के बाद उसे कलेक्शन बॉक्स में रख दिया जाता है। जो संदिग्ध है, वहां से हट जाता है। उसके बाद उस ग्लब्स को पूरी तरह से सेनीटाइज किया  जाता है। इसके बाद दूसरे संदिग्ध का सैंपल लिया जाता है।

इस सैंपल कलेक्शन बूथ से एक ओर जहां स्वास्थ्य कर्मी  संक्रमण से बचे रहते हैं, वही  सैंपल कलेक्शन भी तेजी से हो पाता है। इस बूथ से  पीपीई किट, मास्क एवं ग्लव्स में लगने वाले करोड़ों रुपये की भी बचत होती है। इस बूथ को एक गाड़ी पर रखकर   एक जगह से दूसरी जगह पर  सैंपल कलेक्शन के लिए आसानी से ले जाया जा सकता है। इसके साथ ही इसे अधिक से अधिक लोगों तक जाकर सैंपल कलेक्शन करने में लाभ प्राप्त होता है और पैसे भी कम लगते हैं।

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