गाजियाबाद से बिहार के लिए निकले 2 मजदूरों की दुर्घटना में मौत

0
525
गाजियाबाद से बिहार के लिए बाइक से निकले 4 मजदूरों में 2 की दुर्घटना में मौत हो गयी। लाक डाउन में आवागमन ठप पड़ने के कारण चारों अपने घर के लिए निकले थे।
गाजियाबाद से बिहार के लिए बाइक से निकले 4 मजदूरों में 2 की दुर्घटना में मौत हो गयी। लाक डाउन में आवागमन ठप पड़ने के कारण चारों अपने घर के लिए निकले थे।

हनुमानगंज (प्रयागराज)। गाजियाबाद से बिहार के लिए बाइक से निकले 4 मजदूरों में 2 की दुर्घटना में मौत हो गयी। लाक डाउन में आवागमन ठप पड़ने के कारण चारों अपने घर के लिए निकले थे। इनमें 2 की सड़क हादसे में मौत हो गयी और 2 मजदूर घायल हो गये। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया तथा घायलों को उपचार के लिए भेज दिया।

औरंगाबाद में ट्रेन हादसे में मृत मजदूरों के बाद गाजियाबाद से बिहार के लिए निकले बाइक सवार इन मजदूरों में दो की मौत गैस सिलेंडर लदी ट्रक से बाइक के टकरा जाने से हो गयी। बिहार के रहने वाले यो चारों मजदूर- अमरेश राय (उम्र 32 वर्ष), राजू राय (उम्र 30 वर्ष), प्रभात शर्मा (उम्र 21 वर्ष) और राकेश कुमार (उम्र 20 वर्ष) गाजियाबाद में सटरिंग का काम करते थे। इनमें 2 की तो मौके पर ही मौत हो गयी, जबकि 2 अस्पताल में जीवन-मौत से संघर्ष कर रहे हैं।

- Advertisement -

लाक डाउन हो जाने पर जब काम बंद हो गया तो चारों लोग बाइक से अपने घर के लिए शनिवार की शाम निकल पड़े। रविवार सुबह लगभग साढ़े छह बजे चारों मजदूर सरायइनायत थाना क्षेत्र के देवकली गाँव के सामने पहुंचे ही थे कि सामने से आ रही सिलेंडर लदी ट्रक से उनकी बाइक टकरा गयी। टक्कर इतनी तेज थी कि अमरेश राय व राजू राय की मौके पर मौत हो गयी तथा पीछे की बाइक में चल रहे प्रभात व राजू जख्मी हो गयी।

घटना के बाद आसपास के काफी लोग इकट्ठा हो गये। सूचना पाकर मौके पर सरायइनायत पुलिस भी पहुँच गयी। घायलों को उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया तथा मृतकों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। ग्रामीणों ने ट्रक ड्राइवर को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया।

पश्चाताप कर रहे थे घायल दोनों साथी

हनुमानगंज के पास सड़क हादसे में मृत 2 मजदूरों के साथी प्रभात और राकेश दोनों घटना के बाद जब होश में आये तो दोनों पश्चाताप कर रहे थे कि दिकशूल (दिशा शूल)  में चलने के कारण इतनी बड़ी दुर्घटना हुई। उन्होंने बताया कि लाक डाउन में आयी दिक्कत झेलना अब मुश्किल हो गया था। वहाँ एक-एक पल बिताना मुश्किल था। इसलिए घर के लिए निकल पड़े। अगर आभास होता कि इतना बड़ा हादसा होगा तो हम लोग वहीं पड़े रहते।

यह भी पढ़ेंः कोरोना डायरीः इन्हें डायन कोरोना ने नहीं, नियति ने मारा है !

यह भी पढ़ेंः कोरोना के रंग-ढंग से और भी परेशानियां कर रहीं इंतजार

- Advertisement -