ग्रामीण रोजगार के लिए वरदान है मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना

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बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग एक बार उठी है। नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार की खस्ताहाली उजागर होने के बाद नीतीश कुमार ने अपनी पुरानी मांग रिपीट कर दी है।
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग एक बार उठी है। नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार की खस्ताहाली उजागर होने के बाद नीतीश कुमार ने अपनी पुरानी मांग रिपीट कर दी है।
  • अनुदान की राशि वाहन के खरीद मूल्य के 50 प्रतिशत तक अथवा अधिकतम 1 लाख रुपए
  • इस वित्तीय वर्ष में कुल 42 हजार 25 युवकों को इस योजना का दिया जायेगा लाभ
  • प्रत्येक पंचायत से 5 योग्य आवेदकों का चयन जिनमें 3 अनुसूचित जाति/जनजाति और 2 अत्यंत पिछड़ा वर्ग के
  • 7 दिनों के अंदर अनुदान की राशि RTGS के माध्यम से लाभुकों के खाते में

पटना। मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में यात्री परिवहन व्यवस्था सुलभ कराना एवं कमजोर वर्गों के बेरोजगार युवक एवं युवतियों के लिए रोजगार का सृजन करना है।इस योजना से ग्रामीण युवकों को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर तो प्राप्त होंगे ही साथ- साथ ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन की सुविधा भी बढेगी और इस माध्यम से गांव को शहरों से जोड़ने की दिशा में भी गति आएगी।

इस योजना में अनुदान की राशि वाहन के खरीद मूल्य के 50 प्रतिशत तक की राशि अथवा अधिकतम 1(एक) लाख रूपए होगी।वाहन के खरीद का तात्पर्य यहां वाहन का एक्स शो रूम मूल्य,तृतीय पक्ष बीमा तथा वाहन टैक्स को जोड़कर कुल राशि से है।

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बिहार में 8405 पंचायत है और इस वित्तीय वर्ष में कुल 42 हजार 25 युवकों को इस योजना का लाभ दिया जाएगा।इसके लिए सरकार द्वारा मौजूदा वित्तीय वर्ष में कुल 421 करोड़ राशि का प्रावधान किया गया है।

इस योजना के लाभुकों के चयन के लिए कुछ अनिवार्य दिशा निर्देश भी जारी किए गए हैं।इसके लिए प्रत्येक पंचायत से 5 योग्य आवेदकों का चयन किया जाएगा जिनमें से 3 लाभुक अनुसूचित जाति/जनजाति एवं 2 लाभुक अत्यंत पिछड़ा वर्ग के सदस्य होंगे। लाभुक की न्यूनतम उम्र सीमा आवेदन आमंत्रण की तिथि को 21 वर्ष होगी।लाभुक को सरकारी सेवा में नियोजित नहीं होना चाहिए एवं पूर्व से कोई व्यावसायिक वाहन नहीं होना चाहिए। किसी पंचायत के लिए लाभ प्राप्त करने के लिए लाभुक को उस पंचायत का निवासी होना अनिवार्य है।साथ ही साथ लाभुक के पास हलके मोटरवाहन चालक का ड्राईविंग लाइसेंस होना चाहिए।

आवेदन करने के समय आवेदकों को अनिवार्य रूप से कुछ कागजात जमा करने हैं जिसमें जाति प्रमाण पत्र,आवासीय प्रमाण पत्र,शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र,जन्म प्रमाण पत्र और ड्राईविंग लाइसेंस की प्रतिलिपि शामिल है।

इस योजना के पारदर्शी तरीके से सफलतापूर्वक क्रियान्वयन के लिए आवेदन भरने से लेकर अनुदान की राशि मिलने तक के कार्यक्रम को सरकार द्वारा तिथिवार तथा समयबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है।इस योजना का प्रशिक्षण और जागरूकता का कार्य 11 सितम्बर से लगातार चल रहा है।पंचायतवार आवेदन करने की तिथि 27 सितम्बर से लेकर 22 अक्तूबर 2018 तक तय की गई है।

इसके बाद प्रखंड स्तर पर प्राप्त आवेदनों के आधार पर वरीयता सूची का निर्माण कार्य 23 अक्तूबर से 31 अक्तूबर तक किया जाएगा।प्रखंड स्तरीय समिति की बैठक एवं अनुशंसा भेजने का काम 1नवम्बर से 6 नवम्बर 2018 तक किया जाना है। इसके बाद अनुमंडल स्तरीय समिति की बैठक 8 नवम्बर से 16 नवम्बर 2018 तक तय की गई है। चयनित आवेदकों के चयन सूची का प्रकाशन 19 नवम्बर 2018 को किया जाएगा। चयन सूची पर आपत्ति 19 नवम्बर से 28 नवम्बर 2018 तक ली जाएगी तथा आपत्तियों का निराकरण 29 नवम्बर से 30 नवम्बर 2018 तक किया जाएगा।इसके बाद चयनित आवेदकों के अंतिम चयनित सूची का प्रकाशन 1 दिसम्बर 2018 को किया जाएगा।प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा चयनित लाभुकों को चयन पत्र भेजने का काम 3 दिसम्बर से 5 दिसम्बर 2018 तक किया जाएगा।

इन सारी प्रक्रियाओं के बाद वाहन खरीदने के लिए चयनित लाभुकों से अनुदान प्राप्ति के लिए राशि का आवेदन 10 दिसम्बर 2018 से लगातार लिया जाएगा।आवेदन प्राप्ति के 7 दिनों के अंदर अनुदान की राशि RTGS (आरटीजीएस) के माध्यम से लाभुकों के खाते में उपलब्ध करा दिया जाएगा।

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