पटना। चीनी मिल किसानों के बकाए 934 करोड़ की रकम का शीघ्र भुगतान करें। यह आदेश बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने दिया है। उपमुख्यमंत्री मोदी ने राज्य में निजी क्षेत्र में कार्यरत सभी 11 चीनी मिलों से कहा है कि कोरोना महामारी के संकटपूर्ण समय में पेराई सत्र 2019-20 का किसानों के गन्ना मद में बकाये 934.34 करोड़ का शीघ्र भुगतान करें। ऐसे समय में बकाए के भुगतान से राज्य के गन्ना उत्पादक किसानों को बहुत बड़ी राहत मिलेगी।
श्री मोदी ने कहा कि भारत सरकार के उपक्रम हिन्दुस्तान पेट्रोलियम की इकाई एचपीसीएल बायो फ्यूएल्स लि. द्वारा संचालित लौरिया व सुगौली चीनी मिल द्वारा अब तक मात्र 10 से 12 प्रतिशत गन्ना मूल्य का ही भुगतान किया गया है। लौरिया चीनी मिल पर किसानों के बकाए 80.36 करोड़ व सुगौली पर 58.84 करोड़ के अविलम्ब भुगतान के लिए उन्होंने केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धमेन्द्र प्रधान से आग्रह किया है।
निजी क्षेत्र के हरिनगर व नरकटियागंज (प.चम्पारण), सिधवलिया (गोपलगंज) और हसनपुर (समस्तीपुर) चीनी मिलों द्वारा करीब 67 प्रतिशत बकाए का भुगतान किया जा चुका है। उत्तर प्रदेश की प्रतापपुर चीनी मिल पर भी बिहार के किसानों का 11.38 करोड़ बकाया है।
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बिहार में 172 रुपये प्रति क्विंटल गन्ना का मूल्य निर्धारित है। विगत पेराई सत्र में राज्य के निजी क्षेत्र की सभी चीनी मिलों ने 675 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की, जिसका कुल मूल्य 2036.23 करोड़ में से 1101.88 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। शेष बकाए 934.34 करोड़ का भुगतान बाकी है।
केंद्र के फैसले की सुशील मोदी ने तारीफ की
कोरोना संक्रमित लोगों की जांच और चिकित्सा में लगे डाक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ बदसलूकी की शर्मनाक घटनाओं को देखते हुए केंद्र सरकार ने मानवता के शत्रुओं से निपटने के लिए जो अध्यादेश लाया है, वह सराहनीय कदम है। अब डाक्टर पर हमला करने वालों को जमानत नहीं मिलेगी। 30 दिन के भीतर जांच पूरी होगी और एक साल के भीतर फैसला सुना दिया जाएगा। नये अध्यादेश में सजा की अवधि 7 साल तक और जुर्माने की राशि दो लाख तक की गई है। प्रधानमंत्री ने डाक्टरों-स्वास्थ्यकर्मियों के अभिनंदन में थाली-घंटी ही नहीं बजवायी, बल्कि असामाजिक तत्वों से उन्हें अभयदान देने वाला अध्यादेश भी लाया।
उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से निपटने में साधनों की कोई कमी नहीं है। देश में अब 723 कोरोना अस्पताल हैं। इनमें 2 लाख बिस्तर और 12,190 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। स्वास्थ्यकर्मियों के लिए 25 लाख एन-95 मास्क हैं और ढाई करोड़ मंगाये भी जा रहे हैं। राज्य सरकार ने पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स में 100 बेड के अस्थायी अस्पताल बनाने की पहल की है। एक तरफ सरकार संक्रमण पर विजय पाने में पूरी ताकत से लगी है, तो दूसरी तरफ कुछ लोग मनोबल तोड़ने वाली बयानबाजी कर रहे हैं।
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