जय श्रीराम के नारे से नाराज ममता बनर्जी ने पीएम का मंच छोड़ा

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जय श्रीराम के नारे से नाराज ममता बनर्जी ऐसी बिदकीं कि पीएम नरेंद्र मोदी के मंच से अपना भाषण बीच में ही छोड़ चली गयीं। वह भारी गुस्से में दिखीं।
जय श्रीराम के नारे से नाराज ममता बनर्जी ऐसी बिदकीं कि पीएम नरेंद्र मोदी के मंच से अपना भाषण बीच में ही छोड़ चली गयीं। वह भारी गुस्से में दिखीं।
  • डी. कृष्ण राव

कोलकाता। जय श्रीराम के नारे से नाराज ममता बनर्जी ऐसी बिदकीं कि पीएम नरेंद्र मोदी के मंच से अपना भाषण बीच में ही छोड़ चली गयीं। वह भारी गुस्से में दिखीं। मौका था नेताजी सुभाष बोस की 125 वीं जयंती का। नेताजी की जयंती पर कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में सभा का आयोजन किया गया था। यह आयोजन केंद्र सरकार का था और उसमें ममता बनर्जी भी आमंत्रित थीं। आमतौर पर पीएम नरेंद्र मोदी से परहेज करने वाली ममता बनर्जी ने आज उनके साथ मंच साझा किया था।

नेताजी की 125वीं जयंती पर आज दिनभर कोलकाता में सियासत गर्म रही। स्वतंत्रता के 74 साल बाद देश में पहली बार केंद्र सरकार की ओर से सुभाष चंद्र बोस को सम्मान देते हुए उनकी जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई थी। लेकिन इस मौके पर भी सियासत कम नहीं हुई। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पराक्रम शब्द पर ही सवाल उठाते हुए कहा कि केंद्र को उनसे पूछ कर नामकरण करना चाहिए था।

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ममता बनर्जी ने राज्य सरकार की ओर से आज के दिन को देशनायक दिवस के रूप में मनाया गया। उन्होंने श्याम बाजार से रेड रोड तक 9 किलोमीटर की एक लंबी सड़क यात्रा निकाली। केंद्र सरकार के निमंत्रण पर वह विक्टोरिया मेमोरियल में नरेंद्र मोदी की सभा में पहुंची जरूर, लेकिन जैसे ही ममता बनर्जी को भाषण देने के लिए बुलाया गया, चारों ओर से जय श्रीराम के नारे लगने लगे। ममता बनर्जी इससे गुस्से में आ गईं और मंच पर इसका विरोध करते हुए भाषण देने से मना कर दिया।

ममता बनर्जी ने कहा- सलाम करती हूं। यह केंद्र सरकार का प्रोग्राम है। यहां किसी को आमंत्रण देकर उसे अपमानित करने  का हक किसी को नहीं है। इसके पहले रेड रोड के सभा मंच से वह केंद्र सरकार पर ऐसे बरसीं कि कुछ समय के लिए लगने लगा कि यह किसी राजनीतिक कार्यक्रम का मंच है। ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि वर्तमान केंद्र सरकार केंद्र और राज्य के बीच के संबंध को नष्ट कर रही है। नेताजी द्वारा बनाये गये प्लानिंग कमीशन को केंद्र ने बदल कर नीति आयोग बना दिया। नीति आयोग बनाया जा सकता था, लेकिन प्लानिंग कमीशन को भी बरकरार रखना चाहिए था।

सुश्री बनर्जी ने केवल दिल्ली को ही देश की राजधानी न मानते हुए देश के चार कोनों पर चार राजधानी बनाने की मांग की, जिसमें कोलकाता भी शामिल है। ममता की इस मांग को राज्य भाजपा ने बेबुनियाद बताया है। ममता ने पराक्रम दिवस को देश प्रेम दिवस में बदलने की मांग की। इसी मंच से केंद्र सरकार पर भारत का इतिहास बदलने का आरोप ममता ने लगाया।

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