पटना। जेडीयू विधायक गोपाल मंडल ने वैश्य समाज के खिलाफ एक ऐसी जातीय टिप्पणी कर दी है, जिससे बिहार के वैश्य समाज के लोग आक्रोशित हो गये हैं। जातीय टिप्पणी के इस मुद्दे को राजद विधायक रणविजय साहू ने सदन में उठा कर और हवा दे दी है। राजद के विधायक समीर महासेठ ने गोपाल मंडल को अपने बयान के लिए सदन में और सदन से बाहर सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने की सलाह दी है।
महासेठ ने कहा कि मंडल की मानसिक हालत ठीक नहीं है। तभी वे अनर्गल बयान देकर सुर्खियां बटोरने में लगे हैं। उनकी यह आदत उन्हें महंगी पड़ेगी। उन्होंने वैश्य समाज पर आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिसके दायरे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बिहार के डिप्टी सीएम तारकिशोर समेत संवैधानिक पदों पर बैठे कई और लोग भी आते हैं। मंडल के बयान से उनका भी अपमान हुआ है। सीएम नीतीश कुमार को गोपाल मंडल को वैश्य समाज से माफी मांगने के लिए कहना चाहिए।
जेडीयू को ऐसे बयान के लिए उन पर कार्रवाई करनी चाहिए। उनके बयान से बिहार में 27 प्रतिशत आबादी वाला वैश्य समाज आहत-मर्माहत और आक्रोशित है। मंडल ने यदि माफी नहीं मांगी तो समाज तो अपना हिसाब लेगा ही, सड़क से लेकर विधानसभा क्षेत्र में उनके घुसने में अवरोध पैदा करेगी राष्ट्रीय वैश्य महासभा। राष्ट्रीय वैश्य महासभा बिहार के कार्यकारी अध्यक्ष पीके चौधरी ने सीएम से मांग की कि जिस तरह मुकेश सहनी की गलती के लिये उन्हें माफी मांगने को कहा, वैसे ही गोपाल मंडल को भी कहें।
बिहार में वैश्य समाज के अग्रणी नेता जीवन कुमार ने कहा कि गोपाल मंडल जैसे लोग जदयू में दीमक की तरह हैं, जो कभी कुछ तो कभी कुछ उल-जुलूल् बयान देकर अपनी पार्टी की किरकिरी कराते रहते हैं। वैश्य समाज का अपमान कर उन्होंने आफत मोल ली है। उन्होंने कहा कि वेहतर है कि मंडल माफी मांग कर मामले का पटाक्षेप कर लें, वर्ना उनका संगठन पूरे बिहार में उनके कार्यक्रम का विरोध करेगा।
क्या कहा था गोपाल मंडल ने
गोपाल मंडल ने कहा था- “बनिया बैताल सब” हमारे सामने टिकेगा। राजद विधायक रणविजय साहू ने बिहार विधानसभा में स्पीकर की मनाही और सत्तापक्ष के भारी विरोध को दरकिनार करते हुए बुलंद आवाज में गोपाल मंडल के आपत्तिजनक बयान का मामला उठाया और सीएम से कठोर कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि जदयू के विधायक एक खास जाति-वर्ग को निशाना बना कर किस प्रकार जातिसूचक बातें कर रहे हैं। जनता के सेवक के बोल ऐसे होते हैं क्या? “लाठी”, “गोली”, “बंदूक” केवल इसी प्रकार के शब्दों का प्रयोग किया जा रहा है।