झारखंड के संथाल परगना में कब्जाधारी को प्रधानमंत्री आवास

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झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास
झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास

रांची। झारखंड के संथाल परगना में कब्जे वाली जमीन के मालिकों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिलेगा। राज्य मंत्रिमंडल ने आज यह निर्णय लिया। संथाल परगना प्रमंडल में भूमि अविक्रयशील होने के कारण लोगों द्वारा दान पत्र, बदलनामा अथवा अन्य कागजात के आधार पर भूमि लेकर कच्चा घर बना कर काफी लोग रह रहे हैं। चूंकि ऐसी भूमि का हस्तांतरण एसपीटी एक्ट के तहत वैध नहीं है, इसलिए लोग घर बनाकर शांतिपूर्ण तरीके से बिना किसी विवाद के रह रहे हैं। कैबिनेट ने महसूस किया कि ऐसे लोगों को प्रधानमंत्री आवास का लाभ दिया जाना आवश्यक है। अतः सम्यक विचारोपरांत निर्णय लिया गया कि प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ संथाल परगना क्षेत्र में उन लाभुकों को भी दिया जा सकता है, जिनकी भूमि  पर दान पत्र अथवा अन्य कागजात के आधार पर दखल है एवं उस पर ग्राम सभा/वार्ड की कोई आपत्ति नहीं है।

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कैबिनेट ने राज्य स्कीम के तहत संचालित चयनित 6 अति पिछड़े जिलों के विकास के लिए आकांक्षी जिला योजना के तहत मार्गनिर्देशिका में संशोधन की स्वीकृति दे दी। झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा एल.पी.ए. संख्या 186/2017 एवं अन्य विभिन्न वादों में पारित न्यायादेश को लागू करने के लिए झारखंड प्रारंभिक विद्यालय शिक्षक नियुक्ति (तृतीय संशोधन) नियमावली-2019 को भी घटनोत्तर स्वीकृति दी गई। इसके साथ ही झारखंड सरकार के अधीनस्थ अनियमित रूप से नियुक्त एवं कार्यरत कर्मियों की सेवा नियमितीकरण नियमावली, 2015 में संशोधन की स्वीकृति दी गई।

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एस.बी. सिन्हा (से.नि.) आयोग की अनुशंसा एवं सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली द्वारा पारित न्यायादेश के आलोक में राज्य के नवांगीभूत महाविद्यालयों के शिक्षक/ शिक्षकेत्तर कर्मियों के छाया पद सृजन की स्वीकृति कैबिनेट ने दे दी। इसके अलावा गढ़वा जिला अंतर्गत बाँयी बांकी सिंचाई योजना के पुनरुद्धार एवं मुख्य नहर के लाइनिंग कार्य के लिए कुल 164 करोड़ 81 लाख रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

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“Ease of Doing Bussiness” के तहत औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा तैयार किए गए “बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान” के अनुपालन के लिए कारखाना अधिनियम,1948 के केंद्रीय अधिनियम संख्या-63 में संशोधन के लिए कारखाना (झारखण्ड संशोधन), विधेयक 2019 की स्वीकृति दी गई। गोड्डा जिला अंतर्गत कजरिया बीयर योजना के पुनरुद्धार एवं नहर का लाइनिंग कार्य के लिए कुल रुपए 34 करोड़ 55 लाख की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

कैबिनेट के अन्य महत्पूर्ण फैसले

  • सुरंगी जलाशय योजना के लिए रुपये 49.73 करोड़ के तृतीय पुनरीक्षित प्राक्कलन की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।
  • ताजना बराज सिंचाई योजना के पुनरुद्धार एवं नहरों के लाइनिंग कार्य के लिए रुपए 49 करोड़ के प्राक्कलन की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।
  • सिमडेगा जिला अंतर्गत कंसजोर जलाशय योजना के मुख्य नहरों के लाइनिंग सहित पुनरुद्धार कार्य के लिए 58.05 करोड़ मात्र के प्राक्कलन की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।
  • वक्फ संशोधन अधिनियम 2013 एवं माननीय उच्चतम न्यायालय, नई दिल्ली के सिविल वाद संख्या-14565/2015 में दिनांक 15 दिसंबर 2015 को पारित आदेश के आलोक में त्रिसदस्य वक्फ न्यायाधिकरण का गठन करने की स्वीकृति दी गई।
  • “माहिस्य” जाति को राज्य के अत्यंत पिछड़े वर्गों की सूची (अनुसूची-I) के क्रमांक-11 पर दर्ज “केवर्त्त” के साथ सम्मिलित करने की स्वीकृति दी गई।
  • PVTG ग्रामोत्थान योजना की स्वीकृति दी गई. इस योजना का मुख्य उद्देश्य PVTG बाहुल्य ग्रामों का समेकित विकास करते हुए आदर्श ग्राम के रूप में परिणत करना है।
  • नई अंशदाई पेंशन योजना से आच्छादित कर्मियों को सेवानिवृत्ति सह मृत्यु उपादान देने की स्वीकृति दी गई।
  • झारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों एवं पिछड़े वर्गों के लिए) (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश, 2019 की स्वीकृति दी गई।
  • सर्वोच्च न्यायालय में दायर सिविल अपील संख्या 13375/2015 झारखंड राज्य एवं अन्य बनाम इलीशियस लकड़ा एवं वगैरह से उदभूत अवमाननावाद संख्या 1276/2018 प्रशांत कुमार दास एवं अन्य बनाम सुखदेव सिंह एवं अन्य तथा अवमाननावाद संख्या 1221/2018 विष्णुदेव प्रसाद बनाम सुखदेव सिंह एवं अन्य में पारित न्यायादेश के अनुसार राज्य कोषागार में एकीकृत बिहार की अवधि में विभिन्न बोर्ड/निगम से प्रतिनियुक्ति पर आए 78 कर्मियों को विभागीय लेखा परीक्षा तथा हिंदी टिप्पन प्रारूपन परीक्षा की बाध्यता को शिथिल करते हुए वेतन संरक्षण के आधार पर निगम में प्रथम नियुक्ति की तिथि से एसीपी और एमएसीपी का लाभ स्वीकृत करने के लिए  घटनोत्तर स्वीकृति दी गई।

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