सांप्रदायिकता का एक और चेहरा। झारखंड के खूंटी के कोचांग इलाके में पांच युवतियों से सामूहिक दुष्कर्म किया जाता है। यह पांचों लड़कियां मानव तस्करी के खिलाफ नुक्कड नाटक करने कोचांग स्थिति बाजार टांड जाती हैं। उनके साथ दो सिस्टर भी थीं। स्कूल चर्च के माध्यम से चलाया जा रहा था। नुक्कड नाटक के बाद सिस्टर स्कूल जाती हैं। फादर से बात करती हैं। लड़कियों को नुक्कड नाटक के नाम पर स्कूल बुलाया जाता है। लड़कियां मना करती हैं तो उन्हें स्कूल ले जाया जाता है।
नुक्कड नाटक शुरू होता है। तभी दो मोटरसाइकिल पर सवार चार लडके कमर में पिस्तौल लगाए आते हैं। फादर से बात करते हैं। फादर कहते हैं लडकियों को दो घंटे के लिए लड़कों के साथ जाना होगा। लडकियां मना करती हैं, कहती हैं वह सिस्टर के साथ आई थीं, उनके ही साथ जाएंगी। सिस्टर साथ जाने को तैयार होती हैं तो फादर रोक देते हैं। लड़कियां फादर के सामने गिडगिडाती हैं, फादर नहीं मानते। लड़के कार में जबरन बैठा कर लडकियों को ले जाते हैं। पांचों के साथ बलात्कार होता है। अश्लील फोटोग्राफी की जाती है। उनके नाजुक अंगों में डंडा डाला जाता है। धमकी दी जाती है कि बिना आदेश के कैसे आईं। फिर आईं तो इससे बुरा हाल किया जाएगा। फिर लड़कियों को स्कूल छोड़ दिया जाता है। फादर और सिस्टर लड़कियों से कहते हैं, इसकी सूचना कहीं नहीं देनी। अगर दी तो लड़कियों के माता-पिता की हत्या कर दी जाएगी। सभी लड़कियों को घर भेज दिया जाता है।
मामले की पुलिस में शिकायत के बाद फादर और दो आरोपी जेल में हैं। क्योंकि पूरा मामले में आरोपी पीएलएफआई नामक नक्सली गुट का नाम आता है तो सभी तथाकथित सेक्यूलर ताकतों के मुंह पर ताला लग जाता है। सोनिया, राहुल, मुलायम अखिलेश, लालू, तेजस्वी, नितीश और हर छोटी सी घटना पर भी सोशल मीडिया, चैनलों पर हंगामा काटने वाले, कठुआ पर कैंडल मार्च करने वाले सब को और सबका कुछ पता नहीं। फिर घटनाओं को साम्प्रदायिकता के चश्मे से देखनेवाला कौन? आप सब के इस अपराध को आपके माता, पिता, पति, पत्नी, बच्चे और रिश्तेदारों के साथ समाज और देश देख रहा है आपको क्या दोहरे चरित्र और मापदंडों के लिए वह माफ करेंगे। जरा पूछ कर देखो। खुद से ही घिन आने लगेगी।
- निशीथ जोशी