डाक्टरी पेशे से फैशन-मॉडलिंग की दुनिया तक का इति का सफर

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माडलिंग की दुनिया में डा. इति प्रज्ञा सिंह
माडलिंग की दुनिया में डा. इति प्रज्ञा सिंह

पटना। डाक्टरी के पेशे से फैशन-मॉडलिंग की दुनिया तक का सफर तय करने वाली डॉ इति प्रज्ञा सिंह अपनी सफलता का श्रेय संघर्ष को देती है। कहती हैं- संघर्ष हमारी ज़िंदगी की एक सच्चाई है। कोई इस बात को समझ लेता है तो कोई पूरी ज़िंदगी इसका रोना रोता है। ज़िंदगी के हर मोड़ पर हमारा सामना संघर्षों से होता है और इसके बिना ज़िंदगी की कल्पना नहीं की जा सकती।

डॉ इति प्रज्ञा सिंह की कहानी वैसी महिलाओ को प्रोत्साहित करेगी, जो करियर और शादी के बाद अपने शौक या रुचि से समझौता कर लेती हैं और उनका सपना सिर्फ सपना ही रह जाता है। बुलंद हौसलों की जीती-जागती उदाहरण हैं डॉ इति प्रज्ञा सिंह, जिन्होंने चिकित्सा और सामाजिक क्षेत्र के साथ ही अब फैशन एवं मॉडलिंग की दुनिया में अपनी विशिष्ट स्थान बना ली है।

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माडलिंग की दुनिया में डा. इति प्रज्ञा सिंह
डा. इति प्रज्ञा सिंह

डॉ इति ने हाल ही में मुंबई में आयोजित मॉडलिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और मिसेज इंडिया 2019 (मिसेज बिहार) का खिताब अपने नाम कर लिया। अपनी पहली फैशन प्रतियोगिता के बारे में याद करते हुए डॉ इति बताती हैं कि वह एक ऑनलाइन प्रतियोगिता थी, जहां मैंने भाग लिया था। वहां मुझे “द स्टैनर मॉम” का पुरस्कार मिला था।

पटना में नूपुर सिंह और रविंदर प्रताप सिंह के घर उनकी इकलौती संतान के रूप में जन्मी डॉ इति हमेशा संघर्ष का सामना करने का इरादा रखती हैं। डॉ इति के माता-पिता दोनों इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना में कार्यरत हैं। उनके माता-पिता और नानी लाडली इति को डॉक्टर बनाना चाहते थे। इति ने दन्त चिकित्सक बन कर अपनी माँ और नानी का सपना भी पूरा किया। हालांकि इति की रुचि बचपन के दिनों से ही मॉडलिंग और फैशन की ओर थी और वह इस क्षेत्र में अपना नाम रौशन करना चाहती थीं।

इति ने कृष्णा निकेतन से और डीएवी बीएसईबी से स्कूलिंग के बाद डॉ बी.आर. अम्बेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ़ डेंटल साइंसेज से अपनी डेंटल की डिग्री प्राप्त की। इति 99% के साथ 10 वीं में सोशल साइंस टॉपर थीं। प्रारंभिक और उच्च शिक्षा के दौरान इति को क्विज़ और अन्य प्रतियोगिताओ में कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं। साथ ही 10 वीं के लिए उत्कृष्टता पुरस्कार और एसएसटी में 99% के लिए भी पुरस्कार प्राप्त कर चुकी हैं।

इति को चित्रकारी में भी कई पुरस्कार मिले हैं और इनकी गायन-शैली एवं गायिकी के लिए हमेशा सराहना की गई है। एक विजेता वाली क्राउन और लाइमलाइट ने हमेशा इनको आकर्षित किया और कॉलेज में भी ये मिस डॉ बी.आर. अम्बेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ़ डेंटल साइंसेज थीं। डेन्टल की पढ़ाई के दौरान डॉ जय प्रकाश आनंद से इनकी मुलाकात हुई और ये दोनों शादी के बंधन में बंध गए। इनके पति को भी मॉडलिंग का काफी शौक है और दोनों पति-पत्नी 2018  में पटना में आयोजित एक फैशन प्रतियोगिता में मिस्टर एंड मिसेज बिहार 2018 के विजेता रह चुके हैं। इनके पति इनको मॉडलिंग और फैशन की दुनिया में नाम कमाने के लिए काफी उत्साहित और प्रेरित भी करते रहते हैं।

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फैशन की दुनिया में दीपिका पादुकोण को अपना आदर्श मानने वाली इति दीपिका का मजबूत इरादा, सुंदरता और स्वतंत्र विचार से काफी प्रभावित हैं। खासकर विवाह ने भी उसे नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने से नहीं रोका है, जो इति के लिए काफी प्रेरणादायक है। इसके अलावा ये शाहरुख खान को पसंद करती हैं और आकर्षक ड्रेसिंग और शॉपिंग करना भी पसंद करती हैं। नृत्य, गायन, संगीत, अपने बच्चे शिवाय के साथ खेलना और व्यंग्य करना भी डॉ इति को काफी पसंद है। डॉ इति को दोहरी ज़िन्दगी जीने वालों, जैसे- सामने कुछ और पीठ पीछे कुछ, को बिलकुल भी पसंद नहीं करती हैं। इनके सामने जब कोई किसी जानवर को मारता है, खासकर कुत्तों को, तो इन्हें काफी गुस्सा आता है।

अपने व्यक्तिगत और प्रोफेशनल ज़िन्दगी को अच्छे से संभालने के पीछे का श्रेय ये अपने परिवार से प्राप्त समर्थन, विशेष रूप से माँ-पिताजी को देती हैं, जो इनके बच्चे शिवाय को संभालने में इनकी काफी मदद करते हैं। हालांकि अपने बेटा “शिवाय” के जन्म के बाद ये अपना सारा वक़्त अपने परिवार एवं बच्चे को ही दे रही हैं और इन्होंने निर्णय लिया है कि अपने बच्चे की अच्छे से देखभाल करेंगी और उसे अपना पूरा वक़्त देंगी।

डॉ इति और इनके पति डॉ जय प्रकाश आनंद दोनों अपनी निजी क्लिनिक डॉ आनंद डेंटल हॉस्पिटल, पटना सिटी में प्रैक्टिस करते हैं और भविष्य में और भी क्लिनिक खोलने के लिए प्रयासरत हैं। डॉ इति फैशन, मॉडलिंग और डेंटल चिकित्सा के अलावा सामाजिक कार्यों में भी काफी रुचि रखती हैं। इनको जानवरों से काफी लगाव है। खासकर कुत्तों से। इनके पास लगभग 18-19 आवारा कुत्ते हैं, जो इनके लिए परिवार की तरह हैं। ये उन्हें खाना खिलाती हैं, उनके स्वास्थ्य का ख्याल रखती हैं, जिससे इनको काफी ख़ुशी मिलती है। डॉ इति का मानना है कि यह एक उपलब्धि है। जानवरों की बेहतरी के लिए कार्य करने वाली संस्था “PETA”, कमजोर बच्चों के लिए कार्य करने वाली संस्था SMILE Foundation, और OXYGEN Movement के साथ ही Manimo Foundation से भी जुडी हुई हैं। OXYGEN Movement से तो ये अपने स्कूलिंग के वक़्त से ही जुडी हुई हैं।

डॉ इति का मानना है कि प्रत्येक महिला विशेष होती है क्योंकि वो अपनी एक ज़िन्दगी में बहुत सी जिन्दगीओं की भूमिका निभाती है और एक महिला जीवन की उत्पत्ति-कर्ता है, वह एक पुरुष को सिखाती है कि लविंग, देखभाल और साझा करना क्या है, यह एक महिला होने का सार है। इनके अनुसार अपने सपनों को जीना और उसके लिए प्रयास करना महत्वपूर्ण है बजाय बाद में पछतावा करने का। डॉ इति का मानना है कि महिलाओं में ऊर्जा का भंडार होता है उनके अंदर जबरदस्त इच्छाशक्ति होती है।

महिलाओं को भ्रष्टाचार, नशाखोरी एवं सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ लड़ाई लड़ऩी चाहिए।   डॉ इति ऐसे अवसरों का पता लगाना चाहती है जिस के माध्यम से लोगों के कल्याण के लिए वो कुछ कर सके, क्योंकि इनकी प्रसिद्धि कई स्रोतों को खोल सकती है, जिसके माध्यम से ये आवारा पशुओं के लिए एक आश्रय खोलने के अपने सपने को प्राप्त करने का प्रयास कर सकता है और एक ऐसी संस्थान भी जहाँ बच्चे अपनी प्रतिभा का अध्ययन, खेल, नृत्य कुछ भी कर सकते हैं और उन्हें चैंपियन के रूप में अपने जीवन में चमक लाने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण प्राप्त दिया जा सके। डॉ इति का कहना है कि समाज के प्रत्येक नागरिक को अपने सामाजिक एवं पारिवारिक दायित्वों के साथ-साथ समाजसेवा के लिए भी समय अवश्य निकालना चाहिए। समाजसेवा पुनीत कार्य है, इसमें सभी वर्ग के लोगों को बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए।आपकी छोटी सी मदद किसी के लिए लाभदायक साबित हो सकती है।

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