घोघा। मैट्रिक की परीक्षा का परिणाम आते ही घोघा स्थित महादलित टोला के लोग झूम उठे। डेढ़ सौ साल बाद टोला की बिटिया कोमल मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण कर गई है। उसे 42.4 % अंक प्राप्त हुआ है। वह घोघा स्थित सिंधु मंडल बालिका उच्च विधालय की छात्रा है। कोमल को मलाल बस इतना है कि मेरी मेहनत कुछ कम रही। कोमल कहती है- इस उपलब्धि को आगे चल कर और भी निखारुंगी। बता दूं कि इस टोले के बच्चे कभी स्कूल पढ़ने जाते ही नहीं। मोहल्ले के सारे बच्चे पास के ईंट भट्ठों में मजूरी करते हैं।
मां-बाप संग दिन में मजूरी, रात में पढ़ाई
कोमल की मां बुचिया देवी व पिता दीपक ऋषि ने बताया कि टोला में वर्षों से बिजली नहीं है। मैं काम की तलाश में हर रोज भागलपुर चला जाता हूं। दो जून की रोटी की तलाश में कोमल अक्सर अपनी मां के साथ ईंट भट्ठे में ईंट ढोने का काम करती और देर-देर रात तक पढ़ाई। कोमल को पढाई से इतनी रूचि है कि ढिबरी में रात-रात भर पढ़ती रहती। मां-पिता की तीसरी संतान कोमल को अब आगे पढ़ाने की चिंता सता रही है। वैसे पिछले वर्ष घोघा के कई सामाजिक लोगों ने कोमल की आगे की पढाई में आने वाले खर्च के मदद की बात कही थी।
टोला में कोई मैट्रिक पास नहीं
महादलित टोला के डेढ़ सौ साल के इतिहास में अब तक किसी ने मैट्रिक तक की पढाई पूरी नहीं की है। करीब 50 घरों की इस बस्ती में बच्चे आज भी स्कूल न जाकर ईंट भट्टों में अपने माता-पिता के संग ईंट ढोने का काम करते हैं। कोमल ने जब मैट्रिक का फॉर्म भरा था तो कोमल की इस उड़ान को पंख लगे थे। लायंस क्लब घोघा के संस्थापक अध्यक्ष सह घोघा के प्रसिद्ध चिकित्सक अमरनाथ सिंह ने कोमल के आगे की पढाई में मदद की घोषणा की थी। कोमल कहती है विज्ञान मेरा प्रिय विषय रहा है। आगे जी तोड़ कर मेहनत करूंगी। डॉक्टर बनकर समाज सेवा करना चाहूंगी।
(प्रदीप विद्रोही की एफबी वाल से)