- सूबे में सभी सार्वजनिक स्थानों पर पान मसाला, जर्दा, खैनी, हुक्का एवं सुपारी सहित सभी तरह के तम्बाकू उत्पादों के सेवन पर लगाया पूर्ण प्रतिबंध
- पान मसाला, खैनी और अन्य तम्बाकू पदार्थ खाकर यत्र तत्र थूकने से कोरोना वायरस फैलने का है गंभीर खतरा
- उलंघनकर्ताओं के खिलाफ सूबे के सभी 24 जिलों में गठित जिला, अनुमंडल एवं प्रखंड स्तरीय तम्बाकू नियंत्रण छापामार दस्ते के सदस्य कराएंगे सरकार के आदेश का अनुपालन
- स्वाथ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रधान सचिव डॉ नितिन कुलकर्णी ने जारी किया का आदेश
रांची। सड़क पर थूकना आपको महंगा पड़ सकता है। सड़क पर थूकने वाले सावधान हो जायें। थूकने से पहले पाकेट में रख लें 600 रुपये। झारखंड में दंड का प्रावधान लागू है। कोरोना से बचाव के लिए झारखंड सरकार ने दंड लगाने का यह नियम लागू किया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने आदेश जारी करते हुए पूरे राज्य में सार्वजानिक जगहों पर सभी तरह के तम्बाकू उत्पादों यथा सिगरेट, बीड़ी, पान मसाला, हुक्का, खैनी, जर्दा, गुटका और इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। डॉ कुलकर्णी ने बताया कि पान मसाला, खैनी, जर्दा और गुटका खाकर यत्र तत्र थूकने से कोरोना वायरस फैलने का खतरा बढ़ता है। अतः सार्वजानिक जगहों पर तम्बाकू पदार्थों के सेवन पर प्रतिबन्ध लगाया गया है।
डॉ कुलकर्णी ने सावधान करते हुए कहा कि तंबाकू का सेवन जन स्वास्थ्य के लिए बड़े खतरों में से एक है। थूकना एक सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरा है और संचारी रोग के फैलने का एक प्रमुख कारण है। तंबाकू सेवन करने वालों की प्रवृति यत्र-तत्र थूकने की होती है। जहां थूकना खतरनाक है। थूकने के कारण कई गंभीर बीमारी यथा कोरोना, इंसेफलाइटिस, यक्ष्मा, स्वाइन फ्लू आदि का संक्रमण फैलने की आशंका रहती है। कोरोना संक्रमण को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने महामारी घोषित कर दिया है। इससे बचाव के लिए झारखंड सहित पूरे देश में जहां लॉकडाउन किया गया है, वहीं कई तरह के दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। लोगों को सावधान रहने की जरूरत है।
राज्य तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल पधाधिकारी डॉ ललित रंजन पाठक ने बताया कि सभी जिलों के उपायुक्तों एवं पुलिस अधीक्षकों को इस आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराने एवं उल्लंघन करने पर कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। साथ ही सभी सरकारी/ गैर सरकारी परिसरों में उक्त आशय का बोर्ड लगवाने के निर्देश दिये गये हैं। डॉ पाठक ने बताया कि राज्य में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए सभी जिलों के उपायुक्तों द्वारा पूर्व में ही अपने अपने जिले में सभी सरकारी/ गैर सरकारी कार्यालय एवं परिसर में तम्बाकू सेवन पर प्रतिबंध लगते हुए तम्बाकू मुक्त क्षेत्र घोषित किया जा चुका है।
झारखंड में तम्बाकू नियंत्रण हेतु राज्य सरकार की तकनीकी सहयोग संस्थान सोसिओ इकोनॉमिक एंड एजुकेशनल डेवलोपमेन्ट सोसाइटी (सीड्स) के कार्यपालक निदेशक श्री दीपक मिश्र ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्गत आदेश का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि इससे राज्य में तम्बाकू सेवन में कमी आएगी साथ ही कोरोना जैसी महामारी फैलने का खतरा भी कम होगा।
श्री मिश्र ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रकाशित GATS 2 के सर्वे में झारखंड में तम्बाकू सेवन करने वालों में कमी आई है, यह आंकड़ा विगत 7-8 साल में 50.1% से घट कर 38.9% हो गया है। जिसमें चबानेवाले तम्बाकू सेवन करने वालों का प्रतिशत 34.5% है। अभी जिलों में उक्त आदेश का अनुपालन होने से राज्य में तम्बाकू सेवन के प्रतिशत में और कमी आएगी।
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