पटना। दरभंगा में डीएमसीएच के अलावा नया एम्स बनेगा। राज्यसभा में सुशील कुमार मोदी के प्रश्न के जवाब में स्वास्थमंत्री अश्विनी चौबे ने जानकारी दी। राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी के सवाल के जवाब में केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि दरभंगा मेडिकल कालेज व अस्पताल को उत्क्रमित कर एम्स का निर्माण नहीं किया जाएगा, बल्कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने सितम्बर, 2020 में प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) के तहत दरभंगा में 1,264 करोड़ रुपये की लागत से अलग नया एम्स स्थापित करने की स्वीकृति दी है। यानी डीएमसीएच भी बना रहेगा और अलग से नया एम्स बनेगा।
दरभंगा में नए एम्स के निर्माण के लिए राज्य सरकार को चिन्हित और पूर्णतः बाधा से मुक्त 200 एकड़ जमीन उपलब्ध कराना है। मगर अब तक जमीन उपलब्ध नहीं कराई गई है। मंत्री ने बताया कि इसके अलावा पीएमएसएसवाई के अन्य घटक के तहत एक सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक (एसएसबी) स्थापित करने के लिए 150 करोड़ रुपये की लागत से दरभंगा मेडिकल कालेज के उन्नयन की स्वीकृति भी केन्द्र सरकार द्वारा दी गई है। एसएसबी के निर्माण का कार्य 77.13 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है।
जंगल राज जिनकी देन, उनके बेटे दूसरों पर अंगुली उठा रहे
लालू-राबड़ी के रिश्तेदारों ने बिहार को जंगलराज दिया, बेटे दूसरों पर अंगुली उठा रहे हैं। यह कहना है राज्यसभा सकदस्य सुशील कुमार मदी का। मोदी ने ट्वीट कर कहा कि विपक्ष के नेता बतायें कि महागठबंधन की सरकार के समय तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव के पिता और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान का निरीक्षण किस हैसियत से किया था? क्या यह सच नहीं कि महागठबंधन सरकार के दो कैबिनेट मंत्रियों के माता-पिता राज्य भर में अधिकारियों को फोन कर हड़काते थे? क्या लालू प्रसाद राजद के सत्ता में आने पर वसूली में लग गए थे? जिनके रिश्तेदारों ने जंगलराज दिया, वे दूसरों से सवाल पूछ रहे हैं!
मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद और राबड़ी देवी के मुख्यमंत्री रहते तेजस्वी यादव के सगे रिश्तेदारों ने किस तरह बिहार को शर्मसार किया था, उस पर एक पूरी फिल्म (गंगा जल) बनी और चर्चित हुई। राजद सरकार के समय सत्तारूढ़ दल के मंत्रियों और उनके रिश्तेदारों ने जो किया, उससे यह कृत्य उचित नहीं हो जाता, लेकिन जिनके परिवार ने ऐसा आचरण किया, उन्हें काफी सोच-समझ कर दूसरों पर अंगुली उठानी चाहिए और अगर सवाल उठाया है, तो उस पर मिले जवाब को स्वीकार भी करना चाहिए। राजद “बेतुके आरोप लगाओ और जवाब खारिज करो” की राजनीति में विश्वास करता है।