दवा काम आयी न दुआ, जिंदगी की जंग हार गयी तीस्ता

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पटना। अपनी आवाज़ के बल पर कम उम्र में ही भोजपुरिया समाज में पहचान बनानी वाली और अपनी आवाज़ के जादू से सबको सम्मोहित कर देने वाली 17 वर्षीय भोजपुरी कलाकार तीस्ता शांडिल्य आखिरकार ज़िन्दगी की जंग हार गई। न धरती के भगवान और उसे बचा सके और लोगों की दुआएं ही काम आयीं।

अपनी बेहतरीन आवाज़ से सबका मन मोह लेने वाली भोजपुरी अदाकारा तीस्ता पिछले 3 दिनों से पटना AIIMS के वेंटिलेटर पर मौत से जंग लड़ रही थी। सोशल मीडिया पर उसकी सलामती की गुहार लगाने वाले सैकड़ों लोगों को इस अशुभ सूचना से भारी सदमा पहुंचा है।

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पिता उदय नारायण सिंह तीस्ता को बचाने के लिए दिन-रात एक किए हुए थे। सोशल मीडिया पर भी तीस्ता की जिंदगी बचाने के लिए दुआएं मांगने का दौर जारी था, लेकिन अफसोस कि काल के पंजे ने बिहार की इस होनहार बेटी को आज शाम आखिरकार दबोच ही लिया।

तीस्ता भोजपुरी गायन में मर्यादा का ख्याल रखते हुए बीते वर्षों में कई मंचों की शान व शोभा बढ़ाया था। लोक कलाकार के तौर पर तीस्ता ने अपने जीवन की शानदार शुरुआत की थी।

मालूम हो कि तीस्ता के पिता उदय नारायण सिंह भी भोजपुरी गायन के उम्दा कालाकार हैं। पिछले कई दिनों से बीमार चल रही अपनी लाडली तीस्ता को बचाने के लिए उदय नारायण सिंह ने कोई कोर कसर छोड़ नहीं रखा था।

एम्स पटना में भर्ती होने के बाद डाक्टरों ने उसे एक्यूट सेप्टेसेमिया नामक रोग बताया था। एक्यूट सेप्टेसेमिया वह खतरनाक बीमारी होती है, जिसमें किसी इंसान के शरीर में ब्लड इनफेक्टेड हो जाता है। खून में इन्फेक्शन बढ़ने के बाद ऑक्सीजन की सप्लाई रुक जाती है। खून जहर बनने लगता है। तीस्ता इस गंभीर बीमारी से जूझ रही थी। डाक्टरों के मुताबिक उसको इस बीमारी का वायरस अस्पताल में भर्ती होने के बाद अस्पताल में ही लगा। तीस्ता के सभी ऑर्गन ने काम करना बंद कर दिया था। एक बार तो उसका ब्लड प्रेसर 54/33 तक गिर गया था।

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