पटना। दुनिया में भारत के लाक डाउन की पहल की सराहना हो रही है। दुनिया मान रही है कि भारत ने लाक डाउन कर देश को संक्रमण से बचा लिया। 130 करोड़ लोगों की सघन आबादी वाले भारत में समय पर लाक डाउन लागू करने का कड़ा फैसला कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संक्रमण को रोकने में बड़ी सफलता प्राप्त की, लेकिन राहुल गांधी अब भी इसे मानने के बजाय केवल कमियां गिना रहे हैं।
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जिस संक्रमण को रोकने की दवा नहीं बनी और जिसमें बचाव ही सबसे अच्छा इलाज है, उसमें वे केवल जांच पर जोर दे रहे हैं। संक्रमण रोकने से ज्यादा कांग्रेस इसे फैलाने पर आमादा जमातियों का बचाव करने की राजनीति में लगी है। उन्होंने पूछा है कि राहुल गांधी बतायें कि महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा संक्रमण और 187 लोगों की मौत के लिए कौन जिम्मेदार है?
मोदी ने कहा कि बिहार सरकार ने कोरोना संक्रमण से हर व्यक्ति को बचाने के लिए चार लाख घरों तक पहुंच कर जांच करने का जो महा अभियान शुरू किया है, उससे किसी को डरना नहीं, बल्कि खुलकर सहयोग करना चाहिए। अच्छी बात है कि समय पर जांच, क्वारंटाइन और इलाज से 85 फीसद से ज्यादा मरीज ठीक हो जाते हैं। कोरोना को हराने वाले ऐसे लोग समाज के सामने मिसाल बनते हैं।
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.उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य जांच में कोरोना पाजिटिव पाये जाने पर क्वारंटाइन किये जाने का मतलब लाकअप में रखना नहीं, केवल खास तरह के अस्पताल में कुछ दिन बिताने जैसा है। जीवन बचाने के लिए आइसोलेशन में रहना कोई सजा नहीं है, लेकिन सही जानकारी के अभाव में कुछ लोग जांच से बच रहे हैं। इसके कारण औरंगाबाद और कुछ अन्य स्थानों पर जांच टीम के साथ जो घटनाएँ हुईं वे दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण हैं। जागरुकता, जांच और इलाज से हम जान भी बचायेंगे, जहान भी।
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