बेगूसराय। दोषी लड़की को अदालत ने अनोखी सजा सुनाई। अदालत ने कहा कि गांव की 5 बच्चियों को रोज दो घंटे पढ़ाओ। घर में घुस कर मारपीट का उस पर आरोप था। जेजे बोर्ड की प्रधान न्यायिक दंडाधिकारी किरण चतुर्वेदी एवं पीठ सदस्य उमेश चौधरी लता कुमारी की पीठ ने मुफस्सिल थाना कांड संख्या 248/ 14 की सुनवाई पूरी करते हुए कांड की आरोपित किशोर बालिका को मामले के सूचक एवं अन्य के साथ घर में घुस कर मारपीट करने का दोषी करार देते हुए अपने गांव की 5 लड़कियों को शिक्षित करने का आदेश दिया है।
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जेजे बोर्ड न्यायिक दंडाधिकारी के आदेशानुसार दोषी बालिका को 3 माह तक अपने गांव के मुखिया की देखरेख में गांव की 5 लड़कियों को रोजाना 2 घंटे पढ़ाने का दायित्व सौंपा गया है। हर पखवाड़े मुखिया द्वारा अनुशंसित प्रगति प्रतिवेदन उक्त दोषी बालिका जेजे बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत करेगी।
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इस मामले में अभियोजन पक्ष के एसडीपीओ सुरेश मंडल के द्वारा सहित पांच गवाहों से घटना जनित सबूत अदालत के समक्ष प्रस्तुत कराए गए, जिसमें घटना तिथि 1 जुलाई 2014 की सुबह 6:00 बजे ग्रामीण सूचक के घर में घुस कर आंगन में सूचक एवं उसके घर के सदस्यों के साथ मारपीट कर जख्मी करने का आरोप है।
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जानलेवा हमले के आरोपी को 5 साल सश्रम कैदः एफटीसी कोर्ट प्रथम के पीठासीन अधिकारी मनमोहन चौधरी ने जानलेवा हमला मामले के नामजद आरोपी नगर थाना क्षेत्र के गांधीनगर निवासी शिवम पंडित और शिव जी को धारा 307 एवं शस्त्र अधिनियम की धारा 27 के तहत दोषी करार देते हुए 5 साल सश्रम कैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही न्यायालय ने अभियुक्त पर 5000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
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इस मामले में अभियोजन पक्ष के एपीपी संतोष कुमार द्वारा सभी 7 गवाहों से घटना से संबंधित सबूत उपलब्ध कराए गए, जिसमें चिकित्सक डॉ अशोक शर्मा, डॉ गोपाल मिश्र, डॉ जितेंद्र राय, दारोगा मंजूर बाला पोद्दार सहित कांड के सूचक राम जी पंडित बतौर गवाह अदालत के समक्ष उपस्थित हुए। यह घटना 8 अगस्त 2004 को लोहिया नगर मोहल्ला में घटित हुई थी, जिसमें सूचक राम जी पंडित पर जानलेवा हमला कर के पेट में गोली मार दी गयी थी। इसकी प्राथमिकी सूचक ने नगर थाना कांड संख्या 237/ 2004 में दर्ज कराई थी।
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