नाबालिग को जेल भेजे जाने मामले में 11 पुलिसकर्मी सस्पेंड

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पटना। नाबालिग सब्जी विक्रेता पंकज को जेल भेजे जाने के मामले में जांच पूरी हो गई। जोनल आईजी नैयर हसनैन खान ने आज डीजीपी को जांच रिपोर्ट सौंप दी। इसके साथ ही अगमकुआं थाने के 11 पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि जांच में यह बात साफ हो चुकी है कि पंकज को झूठे मामले में फंसाकर जेल भेजा गया था। पंकज को जिस बाइक लूट की घटना में शामिल होने का आरोपी बनाकर जेल भेजा गया, उसमें वह शामिल नहीं था। रिपोर्ट में कहा गया है कि लड़के को घटनास्थल से नहीं पकड़ा गया था, बल्कि उसे पुलिस घर से उठाकर ले गई थी। पुलिस ने उसके पास से चोरी की कोई मोटरसाइकिल बरामद नहीं की थी। पंकज को जेल भेजे जाने का मामला सिर्फ मुफ्त में सब्जी देना ही नहीं, कुछ और भी हो सकता है।

इस मामले को लेकर आईजी की ओर से अगम कुआं थाना और बाईपास थाना के थानेदार को सस्पेंड करने की अनुशंसा की गई है। इस पर कार्रवाई करते हुए दोनों को सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही रेड करने वाली पूरी पुलिस टीम, जिसमें 9 अन्य पुलिस वाले शामिल थे, उन्हें भी सस्पेंड करने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा अगम कुआं थाना के सारे स्टाफ को पुलिस लाइन क्लोज कर दिया गया है। साथ ही तत्कालीन एएसपी को बिना सुपरविजन चार्जशीट दाखिल करने का दोषी ठहराते हुए शो कॉज नोटिस जारी करते हुए सस्पेंड करने की अनुशंसा से की गई है।

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पत्रकार नगर निवासी नाबालिग सब्जी विक्रेता पंकज को मुफ्त में सब्जी नहीं देने के कारण उसे बाइक लुटेरा बताते हुए पुलिस घर से उठाकर ले गई थी। इतना ही नहीं पंकज के आधार कार्ड में अंकित उसके उम्र 14 को 18 बना रिमांड होम की जगह जेल भेज दिया था। पीड़ित परिवार इस मामले को लेकर थाना से लेकर आलाधिकारियों तक चक्कर लगा चुका था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। वहीं मीडिया में खबर वायरल होने के बाद सीएम ने जांच के आदेश दिए थे। जांच की जिम्मेवारी जोनल आईजी नैयर हसनैन खान को दी गई थी। जिन्होंने पिछले तीन दिनों की जांच के बाद आज अपनी रिपोर्ट सौंपी और उस रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई हुई है।

 

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