मुख्यमंत्री ने की कृषि, खाद्य उपभोक्ता संरक्षण तथा सहकारिता विभाग की समीक्षा
- कृषि इनपुट अनुदान के शीघ्र किसानों के खाते में अंतरित करें
- मौसम के अनुकूल कृषि कार्यक्रम सभी जिलों में शुरू किया जाये
- बारिश/ ओलावृष्टि से हुई क्षति के लिए अनुदान 15 मई तक भेजें
- रबी के साथ मक्का व पान की खेती के नुकसान का आकलन हो
- पराली जलाने पर रखें नजर, लोगों नुकसान के बारे में करें जागरूक
- कृषि कार्यों में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें, बचाव का यही है उपाय
- बीज, उर्वरक व रसायन की उपलब्धता हर हाल में सुनिश्चित करें
- जिन के नाम एक से ज्यादा राशन कार्ड हैं, उनका एक नाम हटायें
- जन वितरण प्रणाली से संबंधित शिकायतों पर कड़ी कार्रवाई करें
- फसल सहायता योजना का लाभ किसानों को शीघ्र उपलब्ध करायें
पटना। नीतीश कुमार ने निर्देश दिया है कि राशन कार्ड के जो हकदार हैं, उन्हें शीघ्र राशन कार्ड दिया जाए। अब तक आये आवेदनों का शीघ्र निपटारा करें। नीतीश कुमार ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कृषि विभाग, खाद्य, आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग तथा सहकारिता विभाग के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में कृषि इनपुट अनुदान, नए राशन कार्ड निर्गत की स्थिति, गेहूं अधिप्राप्ति की स्थिति एवं फसल सहायता योजना के संबंध में विस्तृत चर्चा हुई।
समीक्षा के दौरान कृषि सह पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के सचिव एन. सरवन कुमार ने कृषि इनपुट अनुदान से संबंधित प्रस्तुतीकरण दिया, जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि ओलावृष्टि एवं वर्षा के कारण फरवरी माह में 11 जिलों के 31,929 हेक्टेयर में रबी फसल की क्षति हुई, जबकि मार्च महीने में 23 जिलों के 196 प्रखंडों में 3 लाख 84 हजार 16 हेक्टेयर, अप्रैल माह में 19 जिलों के 141 प्रखंडों में 1 लाख 9 हजार 474 हेक्टेयर की रबी फसल की क्षति हुई है। रबी फसलों के अलावा मक्का, सब्जी, उद्यानी फसल एवं पान की फसल प्रभावित हुई है। उन्होंने विभिन्न जिलों में किसानों को अब तक वितरित की गई राशि की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि लॉक डाउन के कारण मार्च माह में हुई फसल क्षति के लिए जो किसान आवेदन करने से वंचित रह गए थे, उन्हें फिर से 4 से 11 मई तक आवेदन करने का मौका दिया गया है। लोगों को पराली अवशेष नहीं जलाने के लिये जागरूक किया जा रहा है।
खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल ने अपने प्रस्तुतीकरण में कोरोना सहायता राशि के डीबीटी के माध्यम से भुगतान की स्थिति, खाद्य सुरक्षा के अंतर्गत अब तक मिल रहे लाभुकों की संख्या एवं नए राशन कार्ड के निर्गमन के संबंध में की जा रही कार्रवाई, राशन कार्ड निर्गमन के उपरांत खाद्यान्न आवश्यकता के आंकलन के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नये राशन कार्ड बनाने का कार्य हो रहा है, इस कार्य को जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाएगा।
सहकारिता विभाग की सचिव बन्दना प्रेयसी ने फसल सहायता योजना एवं अधिप्राप्ति के संबंध में अद्यतन स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 20 लाख मीट्रिक टन धान की अधिप्राप्ति की गई है, जिसका भुगतान लगभग पूर्ण हो चुका है। 20 अप्रैल से गेहूं अधिप्राप्ति का काम भी प्रारंभ कर दिया गया है।
समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा कि ओलावृष्टि/ वर्षापात के कारण हुई फसल क्षति का लाभ सभी प्रभावित किसानों को मिले। वास्तविक क्षति वाले कोई किसान इससे वंचित नहीं हों। रैयत और गैर रैयत दोनों किसानों को शामिल करें। जो भी आवेदन बचे हुए हैं उनका तेजी से निपटारा करें। कृषि इनपुट अनुदान, मार्च महीने में हुयी फसल क्षति को लेकर 15 मई तक एवं अप्रैल माह में क्षति वाले किसानों को इस माह के अंत तक राशि अंतरित कर दें।
नीतीश कुमार ने कहा कि एग्रीकल्चर सेक्टर में काम करने वाले लोगों को अन्य कार्यों से मुक्त रखा जाए और कृषि विभाग संबंधित योजनाओं की खुद मॉनिटरिंग कर कार्य में तेजी लाए। एग्रीकल्चर सेक्टर में लोगों को काम मिलता रहे। खेती के कार्यां में सोषल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल रखें, कोरोना संक्रमण से बचाव का यही एक प्रभावी उपाय है। बीज, उर्वरक एवं रसायन की आवश्यकता के अनुरुप उपलब्धता का आकलन करें। नीतीश ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत मौसम के अनुकूल कृषि कार्यक्रम 8 जिलों में शुरु किया गया था, उसे अब राज्य के सभी 38 जिलों में विस्तारित करें और इस कार्य में प्रगति लाएं। उन्होंने कहा कि फसल अवशेष को जलाने वालों पर नजर रखें। उन्हें प्रचार-प्रसार कर प्रेरित करें कि इससे पर्यावरण के साथ-साथ खेती को भी नुकसान होता है।
मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा कि राशन कार्ड के लंबित, त्रुटिपूर्ण, अस्वीकृत आवेदन जो जांचोपरांत सही पाए गए हैं, उनके खाते में 1,000 रुपए की राशि अंतरित की जाए। साथ ही जल्द से जल्द राशन कार्ड भी निर्गत करें। राशन कार्ड निर्गत करने के पश्चात खाद्यान्न की आवश्यकता का आकलन करें। परिवारों में बंटवारा होता रहता है, जिस कारण राशन कार्डधारियों की संख्या में वृद्धि होगी, इसमें किसी प्रकार का भ्रम नहीं हो। जिन लोगों का नाम एक से ज्यादा राशन कार्ड में है, उनका एक स्थान से नाम हटाया जाए। शहरी क्षेत्रों में सर्वे कार्य का गहन अनुश्रवण किया जाए ताकि सर्वे शुद्ध रुप से हो। जो राशन कार्डधारी बायोमिट्रिक आॅथेंटिकेषन करने में सक्षम नहीं है, उनकी सुविधा का ध्यान रखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था की जाए।
जन वितरण प्रणाली से संबंधित शिकायतों पर सुनवाई करें। किसी भी कीमत पर गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी लाभुकों को सही वजन और सही गुणवत्ता का अनाज मिले यह सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के अनुरुप एवं मूलतः कृषि कार्यों को देखते हुए ही पैक्सों के लिए खेती उपकरणों की खरीद करें। बैठक में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी उपस्थित थे।
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