नीतीश कुमार का संदेश- जिनके पास कार्ड नहीं, उनको भी राशन

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नीतीश कुमार ने भी माना है कि बिहार असेंबली की कल हुई घटना शर्मनाक है। इसके लिए विपक्ष को कोसा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पत्रकारों से बात कर रहे थे।
नीतीश कुमार ने भी माना है कि बिहार असेंबली की कल हुई घटना शर्मनाक है। इसके लिए विपक्ष को कोसा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पत्रकारों से बात कर रहे थे।

पटना। नीतीश कुमार ने जनता के नाम संदेश देते हुए कहा है कि जिनके पास राशन कार्ड नहीं, वैसे लोगों की पहचान कर राशन मुहैया कराया जाएगा। ऐसे लोगों की पहचान जीविका समूहों के माध्यम से की जायेगी। सभी लोग सचेत एवं सतर्क रहेंगे, तभी स्वस्थ रहेंगे। जिन्हें संक्रमण की थोड़ी सी भी आशंका हो, वे तुरंत जांच करायें तथा अपनी ट्रैवेल हिस्ट्री न छुपायें। राशन कार्डधारी, पेंशनधारी, किसान, वृद्धजन, दिव्यांगजन, चिकित्साकर्मी, छात्र-छात्रा, दिहाड़ी मजदूर, ठेला वेंडर, रिक्शा चालक तथा अन्य जरूरतमंद व्यक्तियों को हरसंभव सरकार मदद कर रही है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता के नाम संदेश देते हुए कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण पूरी मानव जाति संकट के दौर से गुजर रही है। देश में भी कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। इस महामारी की गंभीरता को देखते हुए प्रत्येक व्यक्ति का सचेत रहना नितांत आवश्यक है। सोशल डिस्टेंसिंग ही इसका एकमात्र प्रभावी उपाय है। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए समाज के व्यापक हित में लाक डाउन को 3 मई तक बढ़ाया गया है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सभी बिहारवासियों की पूरी मदद कर रही है। बिहार के बाहर दूसरे राज्यों में फंसे लोगों के लिये हमलोग दूसरे राज्यों से समन्वय कर आवश्यक मदद उपलब्ध करा रहे हैं। राज्य के बाहर फंसे बिहार के मजदूरों एवं जरूरतमंद व्यक्तियों के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से आपदा प्रबंधन विभाग के माध्यम से सहायता राशि के रूप में मुख्यमंत्री विशेष सहायता अंतर्गत 1,000 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से राशि लोगों के खाते में अंतरित की जा रही है। अब तक 10 लाख 11 हजार लोगों के खाते में राशि अंतरित की जा चुकी है। अब भी लगातार आवेदन प्राप्त हो रहे हैं। शीघ्र ही जांचोपरांत उन सभी के खातों में भी राशि अंतरित कर दी जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार फाउंडेशन के माध्यम से भी देश के 9 राज्यों के 12 शहरों में 50 से अधिक राहत केन्द्र चलाये जा रहे हैं, जहां पर लोगों को भोजन तथा राशन सामग्री भी दी जा रही है। अभी तक 7 लाख 66 हजार 920 लोग इसका लाभ उठा चुके हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के सभी राशन कार्डधारियों को एक हजार रुपये की राशि दी जा रही है। इसके अन्तर्गत अब तक 94 लाख 85 हजार कार्ड धारियों को राशि अंतरित कर दी गयी है। शेष कार्ड धारियों के खाते में भी राशि शीघ्र अंतरित कर दी जायेगी। साथ ही यह भी निर्णय लिया गया है कि जिन परिवारों के पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें भी जीविका समूहों के माध्यम से चिन्ह्ति कर उनकी मदद की जायेगी। इसके लिये जीविका द्वारा ऐसे परिवारों की पहचान का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है तथा शीघ्र ही इन परिवारों की पहचान कर उनकी भी मदद की जायेगी।

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नीतीश कुमार ने अपने संदेश में कहा कि बिहार सरकार बिहार के विभिन्न शहरों में फंसे दिहाड़ी मजदूरों, ठेला वेंडरों, रिक्शा चालकों आदि के लिये 150 आपदा राहत केन्द्र चला रही है। इनमें भोजन, आवासन एवं चिकित्सकीय जांच की सुविधाएं उपलब्ध हैं। यदि जरूरत पड़ी तो इनकी संख्या भी बढ़ायी जायेगी। राज्य सरकार सभी लोगों को सहायता उपलब्ध कराने का पूरा प्रबंध कर रही है। मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि आप जहां हैं, वहीं रहें। यदि आपको कोई कष्ट या समस्या है तो आपदा प्रबंधन विभाग के नियंत्रण कक्ष अथवा स्थानिक आयुक्त के कार्यालय, बिहार भवन नई दिल्ली के नियंत्रण कक्ष के दूरभाष के माध्यम से सूचना दें। आपकी हर संभव मदद की जायेगी।

बिहार के बाहर फंसे लोग बिहार में रह रहे अपने निकट संबंधी एवं परिवार के सदस्यों के लिये परेशान न हों। हम उनका भी ध्यान रख रहे हैं। वर्तमान परिस्थिति में लाक डाउन समाज के व्यापक हित में है। आप लोग यदि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ठीक से करेंगे तो आप अपने आपको, अपने परिवार को एवं समाज को इस बड़ी विपत्ति से बचा पायेंगे।

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