पटना। नोटबंदी से भारतीय अर्थव्यवस्था के और मजबूत होने का दावा करते हुए भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सह पूर्व विधायक श्री राजीव रंजन ने इस मसले पर विपक्ष द्वारा भ्रम फ़ैलाने की बात कही। उन्होंने कहा कि यह सर्वविदित है कि 2014 के चुनावों में कांग्रेस पोषित भ्रष्टाचार काफी प्रमुख मुद्दा था। यह किसी से छिपा नही है कि पूर्व की सरकार में लगातार हुए घोटालों ने अर्थव्यवस्था की स्थिति कैसे जर्जर कर रखी थी। ऐसे में भारतीय अर्थव्यवस्था को संकट से निकालने के लिए कुछ ठोस और कड़े क़दमों की आवश्यकता थी, जिन्हें लेने की हिम्मत पूर्व की सरकार में थी ही नहीं।
उन्होंने कहा कि नोटबंदी एक ऐसा ही कठोर कदम था, जिससे थोड़े समय के लिए लोगों को तकलीफ तो हुई, लेकिन इसने भारतीय अर्थव्यवस्था को एक संजीवनी देने का काम किया। नोटबंदी के बाद कालेधन को पकड़ने में सबसे बड़ी सफलता मिली है। नोटबंदी का ही नतीजा है कि 18 लाख संदिग्ध खातों की पहचान हो चुकी है। 2.89 लाख करोड़ रुपये जांच के दायरे में हैं। इसके अलावा अडवांस्ड डेटा ऐनालिटिक्स के जरिए 5.56 लाख नए मामलों की जांच की जा रही है तथा साथ ही साढ़े चार लाख से ज्यादा संदिग्ध ट्रांजेक्शन पकड़े गए हैं।
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नोटबंदी की वजह से देश की वित्तीय प्रणाली की सफाई करने में सहायता मिली है। देश में व्यापार करने वाली 3 लाख से ज्यादा फर्जी कंपनियां एजेंसियों के रडार पर हैं, जबकि 2.24 लाख फर्जी मुखौटा कंपनियों पर ताला लग चुका है। वहीं 2,09,032 संदिग्ध शैल कंपनियों के बैंक अकाउंट फ्रीज किए गए हैं, ताकि अवैध लेन-देन और कर चोरी पर रोक लगाई जा सके। यह नोटबंदी का ही असर है कि 400 से ज्यादा बेनामी लेनदेन की पहचान कर, 800 करोड़ रुपये के मार्केट वैल्यू वाली प्रॉपर्टी जब्त की गई है तथा करंसी सर्कुलेशन में भी 21 प्रतिशत तक की कमी आई है। इसके अलावा केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी है कि उसने सघन खोज, जब्ती और छापे में करीब 71,941 करोड़ रुपये की ‘अघोषित आय’ का पता लगाया है।
श्री रंजन ने आगे कहा कि यह नोटबंदी ही थी, जिसके बाद यह पता लगा कि 1 लाख 48,165 लोगों ने ही लगभग 4 लाख 92,207 करोड़ रुपये जमा किए, यानी भारत की 0.00011% जनसंख्या ने ही देश में उपलब्ध कुल कैश का लगभग 33 प्रतिशत जमा किया। देश की जनता नोटबंदी से हुए फायदों को समझती है। इसी वजह से विपक्ष और उनके सहयोगियों द्वारा लगातार झूठ बोल भड़काने के बावजूद लोग प्रधानमन्त्री जी के इस निर्णय के साथ डटे रहे। इसीलिए इस मुद्दे पर भ्रम फ़ैलाने वाले लोग समझ जाएं कि उनके फर्जीवाड़े का जनता पर कोई असर नही पड़ने वाला है।
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