बिहारशरीफ। न्याय के मंदिर परिसर में शुक्रवार को सरेआम पुलिस की बर्बरता देखने को मिली। बिहारशरीफ व्यवहार न्यायालय में उस वक्त अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया, जब अपनी कैदी पत्नी को पानी देने जा रहे युवक की सुरक्षाकर्मियों ने बेरहमी से पिटाई कर लहूलुहान कर दिया। पिटाई के बाद कोर्ट परिसर में मौजूद अधिवक्ताओं से लेकर आम लोग आक्रोशित हो गए। जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया।
सूचना मिलते ही बिहारशरीफ थाना पुलिस कोर्ट पहुंची और आक्रोशित लोगों को अथक प्रयास के बाद शांत कराया। दरअसल हत्या के मामले में महिला को कोर्ट लाया गया था। पीड़ित मुकेश कुमार अपनी पत्नी को पानी देने के लिए जेल वाहन के समीप चला गया। जिसे देख सुरक्षाकर्मियों ने पहले उसे वहां से हटने को कह। जब वह नहीं हटा तो आठ-दस सुरक्षाकर्मियों ने उसके साथ अभद्र व्यवहार करते हुए उसे लाठी डंडों से बेरहमी से पीटा।
इसके बाद लोगों के हस्तक्षेप से पुलिस ने उसे छोड़ दिया। पुलिसिया जुर्म को देख प्रत्यक्षदर्शिंयों ने कहा कि न्याय के मंदिर में कानून का खुलेआम मजाक उड़ाया जा रहा है। यहां खुलेआम पुलिस कर्मी सुशासन की पोल खोल रहे हैं।
इधर पीड़ित के सरकारी वकील महेश सिंह यादव ने पुलिस द्वारा की गई इस बर्बरता पूर्वक कार्रवाई की घोर निंदा की तथा कहा कि ऐसे पुलिसकर्मियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पीड़ित द्वारा इन सुरक्षाकर्मियों के ऊपर प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें सजा दिलाई जाएगी। मामला चाहे जो भी हो, मगर न्याय के मंदिर में किसी युवक की बर्बरता पूर्वक पिटाई किया जाना कानून को सीधे तौर पर हाथ में लिया जाना है। पीड़ित युवक द्वारा लिखित शिकायत दी जाती है तो उन पुलिसकर्मियों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।
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